सालों से एमयू में वाइ-फाइ बंद
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) कैंपस में शुरू की गयी वाइ-फाइ की सुविधा वर्षो से बंद पड़ी है. वर्ष 2009-10 में प्रशासनिक भवन की छत पर वाइ-फाइ का टावर लगाया गया था. कुछ दिनों तक इसका लाभ भी मिला. लेकिन, साल पूरा होते-होते वाइ-फाइ की सुविधा बंद भी हो गयी. अब, निकट भविष्य में यह सुविधा […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) कैंपस में शुरू की गयी वाइ-फाइ की सुविधा वर्षो से बंद पड़ी है. वर्ष 2009-10 में प्रशासनिक भवन की छत पर वाइ-फाइ का टावर लगाया गया था. कुछ दिनों तक इसका लाभ भी मिला. लेकिन, साल पूरा होते-होते वाइ-फाइ की सुविधा बंद भी हो गयी. अब, निकट भविष्य में यह सुविधा मिलने की उम्मीद भी नहीं दिख रही.
इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व में वाइ-फाइ की सुविधा उपलब्ध करानेवाली कंपनी को भुगतान नहीं किये जाने के कारण यह सेवा ठप हो गयी और अब इसे चालू करने में बोधगया की सुरक्षा-व्यवस्था आड़े आने लगी है.
मगध विश्वविद्यालय के सीसीडीसी सह नोडल पदाधिकारी डॉ संजय तिवारी के अनुसार, एमयू कैंपस में अब वाइ-फाइ शुरू कराना मुनासिब नहीं है. पहला कारण यह कि इसे शुरू कराने के बाद सभी यूजर्स को पासवर्ड जारी करना होगा. चूंकि, एमयू में दो हजार से ज्यादा विद्यार्थी व एक हजार से ज्यादा शिक्षक व कर्मचारी काम कर रहे हैं, सबको पासवर्ड जारी करना व उसे मेंटेन करना संभव नहीं है. दूसरा कारण यह है कि बगैर पासवर्ड अगर वाइ-फाइ सेवा शुरू कर दी गयी, तो उसका दुरुपयोग भी हो सकता है. कोई भी शरारती तत्व एमयू कैंपस में आकर किसी को भी आपत्तिजनक मेल आदि भेज सकता है. उन्होंने बताया कि वैसे भी वाइ-फाइ सेवा शुरू कराने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी. साथ ही, कैंपस के हर हिस्से में वाइ-फाइ का नेटवर्क कार्य नहीं करता है. इसके लिए अलग से टावर भी होगा. फंड की भी कमी है. ऐसे में फिलहाल वाइ-फाइ सेवा शुरू होने की उम्मीद नहीं है. वैसे, केबल के जरिये एमयू कैंपस में इंटरनेट की सुविधा बहाल करने की कोशिश हो रही है. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एमयू कैंपस के छात्रवास में रहने वाले विदेशी छात्रों ने भी हॉस्टल में वाइ-फाइ सुविधा बहाल करने की मांग की थी.