कोई एकरा बचा ल बाबू, तड़पते-तड़पते जान चल जइतइ
गया : प्रभावती अस्पताल के गलियारे में जमीन पर ही एक गर्भवती महिला दर्द से कराह रही थी. वहां से गुजर रहे हर कर्मचारी से गर्भवती महिला के साथ रही एक महिला परिजन गुहार लगा रही थी कि ‘कोई एकरा बचा ल बाबू, तड़पते-तड़पते जान चल जइतइ’. गर्भवती महिला जोर-जोर से रो रही थी. अस्पताल […]
गया : प्रभावती अस्पताल के गलियारे में जमीन पर ही एक गर्भवती महिला दर्द से कराह रही थी. वहां से गुजर रहे हर कर्मचारी से गर्भवती महिला के साथ रही एक महिला परिजन गुहार लगा रही थी कि ‘कोई एकरा बचा ल बाबू, तड़पते-तड़पते जान चल जइतइ’. गर्भवती महिला जोर-जोर से रो रही थी. अस्पताल परिसर में मौजूद परिजन के साथ वहां मौजूद लोगों के आंखों से आंसू छलक गया. अस्पताल में मरीज के साथ इस तरह के व्यवहार पर सिविल लाइंस थाने की पुलिस पहुंची. पुलिस को देख कर परिजन उनसे कुछ मदद की गुहार लगायी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में वह कुछ भी करने की स्थिति में नहीं हैं.
इलाज डॉक्टरों को करना है. उनके हाथ में होता, तो तुरंत ही सहायता कर देते. पुलिस टीम में शामिल महिला पुलिसकर्मी भी महिला की तड़प देख कर अफसाेस करने लगे. अस्पताल से किसी ने पुलिस को हंगामे की सूचना देकर बुलाया था. लेकिन, यहां माजरा अलग देख कर पुलिस अधिकारी भी वहां से चले गये. डॉक्टर से जवाब पूछने पर लेबर रूम की ओर भागेप्रभावती अस्पताल में ड्यूटी पर रहे डॉक्टर से जब जवाब मांगा गया, तो वह लेबर रूम की ओर भाग खड़े हुए. बार-बार पुकारे जाने के बाद भी डॉक्टर बाहर जवाब देने नहीं पहुंचे. स्वास्थ्य प्रबंधक विमलेश कुमार ने कहा कि एक एंबुलेस किसी मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल गया है. दोनों मरीजों के लिए एंबुलेंस मंगवाया गया है. इलाज करना उनका काम नहीं है. मरीजों का इलाज क्यों नहीं किया गया, इस संबंध में डॉक्टर ही बतायेंगे.