गया. जिले में चार सितंबर से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान संचालित किया जायेगा. इस अभियान के दौरान 26 लाख 24 हजार 851 बच्चों को कृमि मुक्ति के लिए दवा खिलाई जायेगी. इसके लिए जिला स्तर पर जरूरी तैयारी कर ली गयी है. अभियान में छूटे बच्चों के लिए 11 सितंबर को मॉपअप राउंड संचालित किया जायेगा. एक से 19 वर्ष के बच्चे और किशोर-किशोरियों को दवा का सेवन कराना है. जिले के सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों तथा स्कूलों में दवा का सेवन कराया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि चार सितंबर से प्रारंभ होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को लेकर आशा लाइन-लिस्ट तैयार कर आंगनबाड़ी सेविका के साथ साझा करेंगी. अभियान के दौरान बच्चों को अल्बेंडाजोल दवा दी जायेगी. प्रखंड स्तर पर सभी स्वास्थ्य केंद्र, आइसीडीएस तथा शिक्षा विभाग आवश्यकतानुसार सभी आंगनबाड़ी सेविका, स्कूल शिक्षक को दवा वितरण करेंगी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजीव अंबष्ट ने बताया कि बच्चों और किशोर एवं किशोरियों पर कृमि का दुष्प्रभाव होता है. कृमि के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा, एनीमिया, कुपोषण, स्कूलों में अनुपस्थिति और आर्थिक उत्पादकता में कमी जैसी समस्या देखने को मिलती है. उन्होंने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख नहीं लगना सहित कई सारे लक्षण हो सकते हैं. बच्चे में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी, उसमें संक्रमण के लक्षण उतने ही अधिक होंगे. हल्के संक्रमण वाले बच्चे व किशोरों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं.
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