गया. धनबाद मंडल के 25 किलोमीटर लंबे टनकुप्पा-पहाड़पुर-गुरपा रेलखंड पर बुधवार से ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम का काम शुरू कर दिया गया. इसकी जानकारी पूमरे के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने दी. सीपीआरओ ने बताया कि यह प्रधानखंटा से मानपुर तक 204 किमी प्रोजेक्ट का एक भाग है. इस प्रोजेक्ट पर लगभग 202 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है. अभी एब्सल्यूट ब्लाॅक सिस्टम (परंपरागत) चल रहा है. इसमें एक ब्लाॅक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है.इससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के मध्य लगभग प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाये जाते हैं. सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी. अगर आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जायेगी. जो ट्रेन जहां रहेंगी, वहीं रुक जायेगी. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के लागू हो जाने से एक ही रूट पर लगभग एक किमी के अंतर पर एक के पीछे एक ट्रेनें चल सकेंगी. इससे रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार के साथ ही संख्या भी बढ़ सकेगी. कहीं भी खड़ी ट्रेन को निकलने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
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