गया. हाल के दिनों में एएनएमएमसीएच में कई नयी बिल्डिंग बनायी गयी है. पुराने से लेकर नये तक में हर जगह शौचालय की स्थिति बदतर ही है. हालांकि, वीआइपी या फिर यहां के कर्मचारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि अपने यूज के लिए लगभग वार्ड में कर्मचारी शौचालय में ताला बंद करके रखते हैं. मरीजों का शौचालय इतना गंदा होता है कि उसमें नाक बंद किये बगैर नहीं यूज किया जा सकता है. सफाई के लिए अलग से एक एजेंसी को रखा गया है. इसके बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं आया है. दो फेब्रिकेटेड वार्ड का निर्माण हुआ है. आपदा के लिए बनाये गये फेब्रिकेटेड वार्ड में शौचालय जाम की हर वक्त शिकायत मिलती है. एमसीएच के बगल में बनाये गये फेब्रिकेटेड वार्ड में फिलहाल सर्जरी विभाग के मरीजों को रखा गया है. यहां शौचालय की स्थिति भी बदतर ही है. शौचालय में सिलिंग तक गिर गया है. इतना ही नहीं वार्ड में जगह-जगह से बारिश का पानी अंदर आता है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, चार दिन पहले शिकायत पर सिलिंग को संबंधित एजेंसी ने ठीक कराया. लेकिन, यहां पर छत से वार्ड में पानी टपकना बंद नहीं हुआ. एमसीएच बिल्डिंग में शौचालय जाम होने के बाद ताला ही बंद कर दिया गया है. अस्पताल के इमरजेंसी में शौचालय की हालत शुरू से ही बदतर रही है. वीआइपी कल्चर के तौर पर वार्ड, इमजरेंसी, ओपीडी, एमसीएच, फेब्रिकेटेड हर जगह कर्मचारियों के लिए बाथरूम को रिजर्व रखा जाता है. इसका यूज मरीज या फिर उसके परिजन नहीं कर सकते हैं. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान ने बताया कि शौचालयों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी एक एजेंसी को विभाग ने दिया है. यहां उसके काम का जांच किया जायेगा, ताकि किसी जगह दिक्कत होने पर तुरंत ही उसे ठीक कराया जाये. उन्होंने कहा कि व्यवस्था को जल्द ही सुधार लिया जायेगा.
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