गया. समाहरणालय के सभागार में मंगलवार को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई. इसमें डीएम डॉ त्यागराजन व एसएसपी आशीष भारती सहित जिला स्तरीय सतर्कता व अनुसंधान समिति के सभी सदस्यों शामिल हुए. इस दौरान डीएम ने कहा कि राज्य सरकार भी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामलों में काफी गंभीर है. सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता है कि संबंधित पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता प्रदान की जा सके. इस आलोक में सभी विभागों का दायित्व है कि निर्धारित समय के अंदर एससी-एसटी के पीड़ित परिवारों को मदद दिलवाने सुनिश्चित करें. डीएम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024- 25 में इस अधिनियम के तहत प्रथम किस्त कुल 157 लाभुकों को एवं द्वितीय क़िस्त कुल 36 लाभुकों को दिया गया. इस प्रकार राज्य में गया जिला में सर्वाधिक पीड़ितों को लाभान्वित किया गया है. इस पर कुल एक करोड़ 28 लाख 64 हजार नाै सौ रुपये का व्यय हुआ है. डीएम ने कहा कि जिस किसी केस में फरार आरोपित चल रहे हैं, उसे तेजी से गिरफ्तारी कराये. किसी भी हाल में चार्ज शीट दायर करने में देरी नहीं करें. जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सितंबर 2020 के बाद से एससी-एसटी केस में हत्या के मामले में मृतक के आश्रित को चतुर्थवर्गीय ग्रेड में अनुकंपा की नौकरी दिया जाना है. इसके लिये वैसे संबंधित मामलों में जिला अनुकंपा समिति को कागजात हैंडओवर किये गए हैं. इस दौरान एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि एक जुलाई से नये कानून लागू होने से कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में जीरो एफआइआर दर्ज कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपने घर से थाने में एफआइआर दर्ज करा सकते हैं. उसके लिए उन्हें घर से ही थाना को आवेदन करना होगा व आवेदन देने के तीन दिनों के बाद थाने में जाकर हस्ताक्षर करना होगा. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी संबंधित पिछले पांच माह में 164 गिरफ्तारी की गयी है. उन्होंने कहा कि कोई भी मामला में वांछित अपराधी चाहे एससी-एसटी का मामला हो या अन्य मामला हो, जो भी अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं, हर हाल में गिरफ्तार की जायेगी, कोई भी अपराधी बख्शे नहीं जायेंगे. इस बैठक में टिकारी के चिरैली के अनुसूचित टोला में पिछले दिनों जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में उसी गांव के एससी-एसटी समुदाय के संजय मांझी का हाथ काट दिये जाने का मामला उठा. इस घटना पर डीएम व एसएसपी ने दु:ख जताया और कहा कि उक्त घटित मामला संज्ञान में आते ही गंभीरता से लेते हुए कल्याण विभाग द्वारा पीड़ित व्यक्ति को तत्काल 50 हजार एक सौ पचास रुपये का मुआवजा 28 जून को उपलब्ध करवाया दिया गया है. चार्ज शीट प्राप्त होते ही एससी-एसटी अधिनियम के तहत नियमानुसार शेष मुआवजा की राशि भी उपलब्ध करवा दी जायेगी. डीएम ने अधीक्षक मगध मेडिकल को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने में कोई देरी नहीं करे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करते हुए जिला कल्याण कार्यालय को समय से भेजते रहे. ताकि एससी-एसटी मामले में पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता प्रदान किया जा सके.
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