HPV टीका लगाने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार, गया में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण की शुरुआत
Gaya News: सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बिहार के गया जिले के सदर और मगध मेडिकल अस्पताल टीकाकरण की शुरुआत की गई. बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिए देश में सबसे पहले बिहार से इसकी शुरुआत हुई है.
Gaya News: गया में बालिकाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना की शुरुआत मंगलवार को विश्व कैंसर दिवस के मौके पर की गयी. इस दौरान जिले में नौ से 14 वर्ष आयुवर्ग की चिह्नित बालिकाओं को ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीका का पहला डोज लगाकर गर्भाशय कैंसर से सुरक्षित रखने की विशेष पहल की शुरुआत हुई. विश्व कैंसर दिवस के मौके पर जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन कर टीकाकरण की शुरुआत की गयी.
किस उम्र की बालिकाओं के लिए हुई टीकाकरण की शुरुआत
डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि जिले में बालिकाओं को चिह्नित कर एचपीवी का टीकाकरण किया जायेगा. 600 एचपीवी टीकाकरण डोज यहां उपलब्ध करा दिया गया है. राज्य में हर साल 30 वर्ष की उम्र के बाद बहुत सी महिलाएं गर्भाशय कैंसर से ग्रसित हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि भविष्य में बालिकाओं को गर्भाशय कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत नौ से 14 आयुवर्ग की बालिकाओं के लिए ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीकाकरण की शुरुआत की गयी है. बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां टीकाकरण सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. चिह्नित बच्चियों को एचपीवी टीका का पहला डोज लगाते हुए उन्हें भविष्य में गर्भाशय कैंसर से सुरक्षित रखा जा सकेगा. अगले चरण में और अधिक बालिकाओं को एचपीवी टीकाकरण सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जायेगा.
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सरकारी विद्यालयों में बालिकाओं को दिया जायेगा टीका
सिविल सर्जन डॉ राजा राम प्रसाद ने बताया कि जिले के चिह्नित सरकारी और प्राथमिक विद्यालयों की बालिकाओं को एचपीवी टीका लगाया जाना है. पहले डोज के छह माह बाद दूसरा डोज लगाया जायेगा. टीका लगाने से सभी लाभार्थियों को सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना खत्म हो जायेगी और लाभार्थी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगी. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद 30 मिनट चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया, ताकि किसी तरह की जरूरत होने पर चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा सके. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ राजा राम प्रसाद, डीपीएम निलेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर राजीव अंबष्ट, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर एमइ हक आदि मौजूद थे.
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