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Bihar bypolls election 2024: इमामगंज को 30 वर्ष से नहीं मिला क्षेत्रीय विधायक, अब तक नहीं खुला राजद का खाता

Bihar bypolls election 2024 केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अपने कार्यकर्ताओं के साथ इमामगंज, बांकेबाजार व डुमरिया प्रखंड में बड़ी सभा आयोजित कर क्षेत्र में विकास का दम भर चुके हैं तथा विधानसभा में हम के उम्मीदवार को जिताकर भेजने की अपील कर चुकी हैं.

प्रमोद कुमार, बांकेबाजार

Bihar bypolls election 2024 उपचुनाव की घोषणा किये जाने के बाद इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है. इमामगंज क्षेत्र से विधायक बनने की इच्छा रखनेवाले नेता पटना का रुख कर चुके हैं तथा पार्टी का टिकट लेकर मैदान में आकर भाग्य आजमाने की जुगत में जुट चुके हैं. इधर अभी से चर्चा होने लगी है कि यहां से हम का उम्मीदवार कौन होगा व राष्ट्रीय जनता दल कौन से उम्मीदवार को अपना चेहरा बनाता है.

ऐसे जीतन राम मांझी के गया संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद से ही इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सभी पार्टियों का दौरा तेज हो चुका था. इधर हाल के दिनों में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अपने कार्यकर्ताओं के साथ इमामगंज, बांकेबाजार व डुमरिया प्रखंड में बड़ी सभा आयोजित कर क्षेत्र में विकास का दम भर चुके हैं तथा विधानसभा में हम के उम्मीदवार को जिताकर भेजने की अपील कर चुकी हैं.

वहीं, राजद भी सभी प्रखंड व ग्रामीण स्तर पर कई सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर चुका है. इसके अलावा जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर भी इमामगंज में एक बड़ी सभा आयोजित कर चुके हैं. चुनाव में पार्टियों कौन-कौन उम्मीदवार पर भरोसा जताती हैं, यह भी एक दो दिन में साफ हो जायेगा.

काफी पुराना है इस क्षेत्र का इतिहास

इमामगंज विधान सभा क्षेत्र से पहली मर्तबा 1957 से 1962 वर्ष तक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अंबिका प्रसाद सिंह एवं दूसरी बार स्वतंत्रता पार्टी से 1962 से 1967 वर्ष तक अंबिका प्रसाद सिंह ने प्रतिनिधित्व किया. उसके बाद 1967 से 1969 वर्ष तक इंडियन नेशनल कांग्रेस से डी राम (देवधारी राम) इमामगंज के विधायक बने. उसके बाद 1969 से 1972 वर्ष तक संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी से ईश्वर दास विधायक बने. 1972 से 1977 वर्ष तक इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर अवधेश्वर राम विधायक चुने गए.

1977 से 1980 वर्ष तक जनता पार्टी से पुनः ईश्वर दास निर्वाचित हुए.1980 से 1985 तक कांग्रेस से श्रीचंद्र सिंह चुने गये.1985 से 1990 तक पुनः श्री चंद्र सिंह ने प्रतिनिधित्व किया. 1990 से 1995 तक जनता दल से उदय नारायण चौधरी चुनाव जीते. 1995 से 2000 वर्ष तक समता पार्टी से रामस्वरूप पासवान निर्वाचित हुए. 2000 से 2015 वर्ष तक लगातार तीन बार उदय नारायण चौधरी इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2015 से जून 2024 तक जीतन मांझी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

1980 के दशक से रहा है माओवादियों का दबदबा

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन प्रखंड शामिल हैं. इसमें इमामगंज, बांकेबाजार एवं डुमरिया प्रखंड आते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में 1980 से ही नक्सलियों का बोलबाला रहा है. हलांकि वर्तमान सरकार की अगुवाई में इस क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की आधा दर्जन से अधिक कैंप स्थापित किये गये तथा कई कई नवसृजित थाने भी खोले गये. इसका फायदा यह हुआ कि वर्तमान समय में नक्सली गतिविधि में कमी आई. यही कारण है कि इस बार लोकसभा के चुनाव में अनरवन सलैया जैसे बूथ पर भी चुनाव आयोग मतदान कराने में सफल रहा था.

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इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के जंगली इलाकों में पहली बार कई ऐसे बूथ बनाए गये थे, जहां मतदाता निर्भीक होकर अपने मतों का प्रयोग किया था. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 1990 के दशक से बाहरी लोगों के हाथों में है. ऐसे में इमामगंज वासियों को स्थानीय विधायक का मलाल हमेशा लगा रहता है. लोगों का मानना है कि यदि स्थानीय विधायक हो तो क्षेत्रवासी अपना सुख-दुख स्वयं विधायक से मिलकर कह सकें. राष्ट्रीय जनता दल का गठन होने के बाद इमामगंज विधानसभा से कई चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश की है. परंतु हर बार उन्हें हार का ही स्वाद चखना पड़ा है.

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