Bihar: गया. नगर निगम में सिविल इंजीनियरों से ही मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल योजनाओं में भी निगरानी व जांच का काम लिया जा रहा है. इसका असर यह है कि अब तक यहां करोड़ों की योजनाओं को पूरा किये जाने के बाद भी उसका लाभ लोगों को नहीं मिल सका है. इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियर की देखरेख में पूरा किये जानेवाले ब्रह्मसत तालाब में लेजर लाइट से वाटर स्क्रिन पर धार्मिक शो दिखाने की करीब 4.60 करोड़, विष्णुपद स्थित प्रदूषण रहित शवदाह के लिए लगायी गयी क्रिमिएशन मशीन व सौंदर्यीकरण में करीब छह करोड़, नैली कचरा प्लांट में एनिमल क्रिमिएशन मशीन की योजना करीब 70 लाख, शहर में लाइटिंग, हाइमास्ट आदि करोड़ों रुपये की योजनाओं को यहां के सिविल इंजीनियर ने ही पूरा कराया है. इसमें ज्यादातर योजनाएं कई वर्ष बीतने के बाद भी अब तक चालू नहीं हो सकी. इन योजनाओं में ठेकेदार एजेंसी को पेमेंट भी कर दिया गया. योजना को पूरा होने का सर्टिफिकेट भी दे दिया गया है.
हो चुकी है पहले भी गड़बड़
जलापूर्ति व्यवस्था निगम के पास होने के समय निगम के सिविल इंजीनियर की सलाह पर ही करोड़ों रुपये खर्च कर जलापूर्ति से संबंधित सामान की खरीद कर ली गयी. उसका उपयोग के बिना ही जलापूर्ति केंद्र दंडिबाग में सामान सड़ रहा है. इसमें कई तरह के मशीनें भी शामिल हैं. यह मामला कई बार बैठकों में उठ चुका है.
अब नहीं होगी किसी तरह की परेशानी
सच है कि अब तक सिविल इंजीनियर ही निगम में हर तरह के काम का निगरानी कर रहे थे. सरकार की ओर से इस बार एक इलेक्ट्रिकल, एक मैकेनिकल, एक पानी कल के लिए स्पेशल व दो सिविल के सहायक अभियंता की तैनाती की गयी है. इसके बाद पहले के बिगड़े कुछ कामों को ठीक कर लिया जायेगा. इनके यहां आने के बाद हर स्तर से काम कराने में सहूलियत होगी.
–शैलेंद्र कुमार सिन्हा, नोडल अधिकारी सह सहायक अभियंता, नगर निगम