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30 साल तक पहाड़ खोदकर नहर बनाने वाले लौंगी मांझी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए आनंद महिंद्रा तोहफे में देंगे ट्रैक्टर

नयी दिल्ली : बिहार के गया जिले के रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने अपने गांव के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए लगातार तीस साल तक कड़ी मेहनत कर नहर खोद डाली. लौंगी मांझी ने अपने प्रयास से पहाड़ काट कर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली. ताकि पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में पहुंचाया जा सके. फिलहाल मांझी के इस प्रयास से तीन गांव के लोगों को फायदा मिल रहा है. इस खबर के प्रकाश में आने के साथ ही अब लौंगी मांझी की मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं. इसी कड़ी में बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देने का ऐलान किया है.

नयी दिल्ली : बिहार के गया जिले के रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने अपने गांव के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए लगातार तीस साल तक कड़ी मेहनत कर नहर खोद डाली. लौंगी मांझी ने अपने प्रयास से पहाड़ काट कर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली. ताकि पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में पहुंचाया जा सके. फिलहाल मांझी के इस प्रयास से तीन गांव के लोगों को फायदा मिल रहा है. इस खबर के प्रकाश में आने के साथ ही अब लौंगी मांझी की मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं. इसी कड़ी में बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देने का ऐलान किया है.

महिंद्रा मोटर्स के मालिक आनंद महिंद्रा ने ने ट्वीट करते हुए कहा है, लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देना उनके लिए सम्मान की बात होगी. उन्होंने जो किया है वह किसी ताजमहल या पिरामिड के निर्माण से कम नहीं है. गौर हो कि लौंगी मांझी ने हाल ही में कहा था कि कि अगर सरकार कुछ मदद कर दे और हमें खेती के लिए ट्रैक्टर जैसी सुविधा मिल जाए तो हम बंजर पड़ी जमीन को खेती के लिए उपजाऊ बना सकते हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी.

बता दें कि गया जिले के रहने वाले लौंगी की कहानी फिलहाल चर्चा में है. मांझी ने तीस सालों तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को इकट्ठा कर गांव तक लाने की ठान ली और वो रोज घर से जंगल में पहुंच कर नहर बनाने लगे. कोठिलवा गांव निवासी लौंगी मांझी अपने बेटे, बहू और पत्नी के साथ रहते हैं. उनके परिवार के लोगों ने पहले तो उन्हें खूब मना किया. लेकिन, मांझी ने किसी की नहीं सुनी और नहर खोदने में जुट गए. कुदाल और दूसरे घरेलू औजार के जरिए उन्होंने खुदाई शुरू कर दी. तीस साल की मेहनत के बाद वे करीब तीन किलोमीटर लंबी नहर बनाने में सफल रहे.

हाल ही में यूजर रोहिन कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि लौंगी मांझी ने अपनी जिंदगी के तीस साल लगा कर नहर खोद दी. उन्हें अभी भी कुछ नहीं चाहिए, सिवा एक ट्रैक्टर के. उन्होंने मुझसे कहा है कि अगर उन्हें एक ट्रैक्टर मिल जाए तो उनको बड़ी मदद हो जाएगी. इस ट्वीट पर आनंद महिंद्रा ने रिप्लाई करते हुए लिखा कि उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा. मैंने पहले भी ट्वीट किया था कि मुझे लगता है कि उनकी नहर ताजमहल या पिरामिडों के समान प्रभावशाली है. उनको ट्रैक्टर गिफ्ट करना हमारे लिए सम्मान की बात होगी.

Upload By Samir Kumar

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