Bihar News: बिहार के गया जिले में चिकनगुनिया का एक मामला सामने आया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता बढ़ गयी है. मरीज हैदराबाद में चिकनगुनिया कन्फर्म होने के बाद गया स्थित अपने घर लौटा है. यहां पर एएनएमएमसीएच में जांच के बाद चिकनगुनिया की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है.
चिकनगुनिया का लक्षण
इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सक्रियता दिखाते हुए फॉगिंग व लार्वा मारने की दवा का छिड़काव के लिए नगर निगम को सूचित कर दिया गया है. मरीज की हालत ठीक रहने के चलते उसे घर पर ही सुरक्षित रहने को कहा गया है. जिला वेक्टर जनित रोग निवारण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि चिकनगुनिया के मरीज को हर वक्त मच्छरदानी में ही रहना है. क्योंकि खुद के बचाव के साथ दूसरों के बीच संक्रमण नहीं फैले इसका भी ध्यान रखना होगा.
चिकनगुनिया पीड़ित मरीज को मच्छर काटने के बाद वही मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसे भी चिकनगुनिया हो जायेगा. इलाज के तौर पर सिमटम के अनुरूप दवा दी जाती है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में अब तक चिकनगुनिया का एक ही मरीज सामने आया है. डॉ हक ने बताया कि चिकनगुनिया होने पर जोड़ों में दर्द, बुखार, त्वचा पर लाल दाने, आंखों का लाल होना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द होना, थकान होना, जी मिचलाना, उल्टी के लक्षण सामने आते हैं.
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इस सीजन में अब तक डेंगू के 35 मरीज सामने आये
डॉ हक ने बताया कि जिले में इस सीजन में अब तक डेंगू के 35 मरीज सामने आये हैं. दो मरीजों का फिलहाल इलाज एएनएमएमसीएच स्थित डेंगू के स्पेशल वार्ड में चल रहा है. सबसे अधिक अब डेंगू के मरीज शहर से ही मिले हैं. पुलिस लाइन से पिछले वर्ष भी अधिक डेंगू पीड़ित सामने आये थे.
इस बार भी फिलहाल पुलिस लाइन के एक मरीज का इलाज स्पेशल वार्ड में चल रहा है. उन्होंने कहा कि डेंगू पीड़ित वाले शहरी क्षेत्र में दवा का छिड़काव व फॉगिंग करना है. सूचना के बाद तुरंत ही निगम को लोकेशन भेज दिया जाता है. निगम से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को भी चिकनगुनिया के पीड़ित वाले इलाका बेल्दारीटोला में फॉगिंग के लिए भेजा गया. लेकिन, दूसरे मुहल्ले में निगम से फॉगिंग करवा दिया गया.