Bihar News: पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे का नक्सली कनेक्शन, केस मैनेज करने के लिए ले रहा था पैसा

Bihar News: सीबीआइ ने जानकारी दी है कि डीएसपी अजय प्रताप सिंह के गया, पटना और वाराणसी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. जहां से रिश्वत के 20 लाख रुपये सहित कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किये गये हैं.

By Ashish Jha | October 4, 2024 7:22 AM

Bihar News: पटना. पटना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) पटना शाखा के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को अपने साला हिमांशु व एक अन्य एजेंट के साथ 20 लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी गुरुवार को गया से की गयी है. सीबीआइ ने जानकारी दी है कि डीएसपी अजय प्रताप सिंह के गया, पटना और वाराणसी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. जहां से रिश्वत के 20 लाख रुपये सहित कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किये गये हैं. गौरतलब है कि डीएसपी अजय प्रताप सिंह एक आयकर अधिकारी हैं, जो अभी एनआइए पटना में प्रतिनियुक्ति पर हैं.

रमैया कंस्ट्रक्शन का मालिक है रॉकी यादव

यह गिरफ्तारी पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राकेश रंजन उर्फ रॉकी यादव की शिकायत के आधार पर की गयी है. रमैया कंस्ट्रक्शन का मालिक रॉकी यादव ने सीबीआइ को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि एनआइए के अधिकारी उसे और उसके परिवार को नक्सली सांठगांठ और अवैध हथियार रखने के मामले में फंसाने की धमकी दे रहे हैं और इसके एवज में पैसे की मांग कर रहे हैं. रॉकी यादव की ओर से शिकायत मिलने के बाद सीबीआइ के अधिकारियों ने प्राथमिक स्तर पर इसकी जांच की और इसकी पुष्टि की. रॉकी यादव ने सीबीआइ के कहे अनुसार रिश्वत की रकम लेने के लिए अजय प्रताप के साले हिमांशु को गया बुलाया. जिसके बाद तीनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया.

डीएसपी की वसूली की कहानी

विगत 19 सितंबर को एनआइए ने नक्सली कनेक्शन के आरोप में मनोरमा देवी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. एनआइए ने इस दौरान 10 हथियार और 4.03 करोड़ कैश सहित डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किये थे. इस मामले में डीएसपी ने 24 सितंबर को रॉकी यादव को नोटिस जारी करते हुए 26 सितंबर को पटना एनआइए कार्यालय हाजिर होने को कहा. रॉकी का आरोप है कि एनआइए ऑफिस में पूछताछ के दौरान डीएसपी ने उसे नक्सली कनेक्शन में फंसाने की धमकी दी. ऐसा नहीं करने के लिए डीएसपी ने उससे 2.5 करोड़ रुपये की डिमांड रखी. दबाव में वह पैसे देने को राजी हो गया. डीएसपी ने रॉकी को उसी दिन पहली किश्त के तौर पर 25 लाख रुपये देने को कहा और उसे एक हाथ से लिखे नोट में अपने एजेंट का मोबाइल नंबर दिया. इसके बाद 25 लाख रुपये अपने रिश्तेदार के जरिये दिये गये नंबर से संपर्क कर औरंगाबाद में दिलवाये.

एजेंट व उसके साथी से संपर्क में रहा डीएसपी

इस पूरे दौरान डीएसपी अपने एजेंट व उसके साथी से संपर्क में रहा. रॉकी के अनुसार यह पैसा 26 सितंबर को औरंगाबाद में रात 11.30 बजे दिये गये. दो दिन बाद डीएसपी की ओर से फिर समन जारी कर रॉकी को एक अक्तूबर को एनआइए दफ्तर तलब किया गया. उस दिन उससे 70 लाख रुपये मांगे गये, जिसमें से 35 लाख रुपये उसी दिन देने को कहे गये. डीएसपी ने फिर उसे हाथ से लिखे नोट में मोबाइल नंबर दिया. रॉकी ने पैसे की व्यवस्था कर उसे गया में तीन अक्तूबर को देने का आश्वासन दिया. जिसके बाद पूरे मामले को उसने एनआइए के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया. जिसके बाद सीबीआइ की मदद ली गयी और डीएसपी को उसके दो एजेंटों के साथ दबोचा जा सका.

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20 लोगों के खिलाफ दर्ज है केस

एनआइए के अनुसार पिछले साल सात अगस्त को औरंगाबाद के गोह से भाकपा माओवादी संगठन के दो सदस्यों रोहित राय और प्रमोद यादव को हथियारों और कुछ बुकलेट्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. 26 सितंबर 2023 को एनआइए ने इस केस की जांच शुरू की और 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में रोहित और प्रमोद के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. 23 नवंबर 2023 को भी एनआइए ने मनोरमा देवी के करीबी व पूर्व जिला पार्षद राजू जाट के गया स्थित डेल्हा के गौतम बुद्ध कॉलोनी और कोंच के कठौतिया स्थित आवास पर छापेमारी की थी. मालूम हो कि मनोरमा देवी के पति बिंदी यादव (बिंदेश्वरी प्रसाद यादव) पर नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. उन्हीं मामलों को लेकर एनआइए द्वारा फिर से कार्रवाई शुरू की गयी है.

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