20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: गया मगध मेडिकल कॉलेज में हाहाकार, मरीजों से बेड फुल, जमीन पर हो रहा इलाज

Bihar News: मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर हॉस्पिटल लोग पहुंच रहे है. स्ट्रेचर खाली नहीं रहने के चलते परिजन मरीज को गोद में उठाकर इधर उधर भटक रहे है.

Bihar News: गया. मौसमी बीमारी व अन्य कई तरह की बीमारी के चलते अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में मरीजों के पहुंचने की संख्या काफी बढ़ गयी है. इस कारण अस्पताल में सभी बेड फुल चल रहे हैं. इमरजेंसी में बेड, कुर्सी, स्ट्रेचर के अलावा जमीन पर मैट लगाकर भी इलाज करना पड़ रहा है. आइसीयू तो पूरी तौर से फुल है. यहां पर जिले व झारखंड के सीमावर्ती इलाके से मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. ओपीडी में हालत और बदतर दिखती है. सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी कतार लग रही है. मौसमी बीमारी डायरिया, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, एक्सीडेंटल, मारपीट, गंभीर बीमारी के मरीज यहां इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं.

इमरजेंसी में बेड के इंतजार में मरीज

आर्थो वार्ड में जगह कम होने व मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते इमरजेंसी में बेड के इंतजार में मरीज वार्ड नहीं जा पाता है. स्ट्रेचर खाली नहीं रहने के चलते गोद में उठाकर मरीज को परिजन अंदर तक ला रहे हैं. मरीज स्टेबल होने के बाद भी वार्ड में जगह नहीं रहने के चलते मजबूरी में उसे इमरजेंसी में ही रखना पड़ रहा है. इमरजेंसी में 80 बेड होने के बाद भी यहां हर दिन 100 से 120 मरीज भर्ती हो रहे हैं. इमरजेंसी में सुबह से शाम तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज व परिजन के भीड़ अधिक होने के चलते यहां ढंग से इलाज करना संभव नहीं हो पाता है. इन दिनों सर्पदंश के मरीज भी अधिक पहुंच रहे हैं.

बारिश में इन बीमारियों का खतरा ज्यादा

डॉक्टरों के मुताबिक, बारिश के मौसम में डायरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर, डेंगू और मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा और तेजी से फैलता है. टाइफाइड और डायरिया खराब खाने-पीने से होता है. इसमें उल्टी-दस्त की समस्या भी रहती है. कुछ बैक्टीरिया वायरल फीवर का कारण भी बन जाते हैं. इस मौसम में फ्लू का खतरा भी ज्यादा रहता है. बरसात में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का रहता है. दोनों ही मच्छरों के काटने से फैलती हैं. इस मौसम में पानी जमा हो जाता है, जिनमें मच्छर पैदा होते हैं. इनके काटने से ही डेंगू और मलेरिया बढ़ता है. अगर इनका समय पर इलाज न कराया जाये, तो जानलेवा भी हो सकती हैं.

Also Read: Bihar News: खगड़िया में हजारों किसानों ने भूमि सर्वे के विरोध में दिया धरना, कहा- रैयती हक समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही सरकार

बारिश वाली बीमारियों के सामान्य लक्षण

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सांस लेने में समस्या
  • उल्टी, दस्त

बारिश वाली बीमारियों से कैसे बचें

  • मच्छरों के पनपने से रोकें, घर के आसपास या छत पर पानी न जमा होने दें.
  • खानपान का खास ख्याल रखें, बाहर का खाना छोड़ें.
  • साफ और उबला पानी ही पिएं
  • साफ-सफाई को लेकर लापरवाही न करें.
  • समय-समय पर हाथों को धोते रहें.

सावधानी के बदौलत बीमारी से बच सकते हैं लोग

एएनएमएमसीएच के उपाधीक्षक सह मेडिसिन विभाग के डॉ एनके पासवान ने बताया कि इन दिनों मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. हर दिन इमरजेंसी में 100 से अधिक तो ओपीडी में 1500 से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. अस्पताल में बेड की संख्या कम पड़ जा रही है. फिर भी किसी तरह एडजस्ट किया जा रहा है. लोग बीमारी से बचने के सावधानी को मूल मंत्र की तरह अपना सकते हैं. बरसात में होने वाली बीमारियों में नमी और कीटाणुओं की अधिकता के कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. फ्लू, डेंगू, मलेरिया और डायरिया संक्रमण जैसी बीमारियों से बचने के लिए अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना, स्थिर पानी से बचना और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना जैसी सावधानियां बरतें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें