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Gaya News: विष्णुपद मंदिर में अब कम बजतीं शहनाइयां, पढ़िए क्या है इसके कारण….

Gaya News विष्णुपद मंदिर प्रांगण में विवाह संपन्न करने के लिए समिति की ओर से दस्तावेज के साथ वर-वधू पक्ष से सहयोग के रूप में 501 रुपये का सेवा शुल्क लिया जाता है

By RajeshKumar Ojha | April 24, 2024 7:26 PM

Gaya News छोटे-छोटे विवाह भवन, गेस्ट हाउस व होटल के बनने से विष्णुपद मंदिर प्रांगण में अब पहले जैसी शहनाइयां नहीं बज रही हैं. वर्ष 2012 तक विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में लगन के समय प्रतिदिन औसतन सौ से भी अधिक जोड़ों की शादियां होती थीं. लेकिन, वर्तमान समय में इसकी संख्या घटकर प्रतिदिन औसतन 20 के आसपास ही रह गयी है. दूसरी तरफ मां मंगला गौरी मंदिर, मां शीतला मंदिर, गायत्री मंदिर सहित कई अन्य धर्म स्थलों में शादी का प्रचलन तेजी से बढ़ने के कारण भी विष्णुपद मंदिर में शादी विवाह की संख्या में अप्रत्याशित कमी हुई है.

श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अनुसार वर्ष 2012 तक विशेष कर लगन के समय में विष्णुपद मंदिर में प्रतिदिन सौ से भी अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधते थे. लेकिन, बीते करीब एक दशक से इस मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में छोटे-छोटे कई विवाह भवनों, गेस्ट हाउस व होटल के बन जाने से अब विष्णुपद मंदिर में शादी-विवाह के लिए लगन में काफी कम लोग पहुंच रहे हैं. समिति ने बताया कि इसके अलावा शहर के मां मंगला गौरी मंदिर, मां शीतला मंदिर, गायत्री मंदिर समेत कई अन्य स्थलों में भी विवाह का प्रचलन तेजी से बढ़ने से विष्णुपद मंदिर में दिन प्रतिदिन विवाह की संख्या में कमी आ रही है.

पहचान व दस्तावेज के साथ लिए जाते हैं 501 रुपये सेवा शुल्क

विष्णुपद मंदिर प्रांगण में विवाह संपन्न करने के लिए समिति की ओर से पहचान व दस्तावेज के साथ वर-वधू पक्ष से सहयोग के रूप में 501 रुपये का सेवा शुल्क लिया जाता है. इस शुल्क में वर-वधू पक्ष के लोगों को विवाह मंडप में समुचित जगह के साथ-साथ रोशनी, सफाई, पानी समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध करायी जाती है. पहचान के रूप में वर-वधू पक्ष के माता-पिता की सहमति व इनके साथ वर-वधु के आधार कार्ड की छाया प्रति भी जमा ली जाती है. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद वर-वधू पक्ष के परिजनों से 501 रुपये का सहयोग लिया जाता है. सहयोग राशि की रसीद भी उन्हें उपलब्ध करायी जाती है, जबकि अन्य धर्मस्थलों व विवाह भवनों में संचालकों की ओर से वधू पक्ष की पहचान व कागजात की मांग नहीं किये जाने से भी विष्णुपद मंदिर में लगन के समय में भी विवाह की संख्या में कमी आ रही है.

शंभू लाल विट्ठल, अध्यक्ष

– श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति गया

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