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Bodh Gaya के आध्यात्मिक राजधानी बनने के सपने को लगेंगे पंख, बजट में बौद्ध सर्किट के विकास के प्रावधान ने बढ़ायी उम्मीद

Bodh Gaya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच सितंबर 2015 को महाबोधि मंदिर आये थे, तब उन्होंने बौद्ध संगठनों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि बोधगया को एक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित किया जायेगा. अब यह सपना पूरा होता दिख रहा है.

कलेंद्र प्रताप/ केंद्र सरकार ने (Bodh Gaya) बौद्ध सर्किट के विकास को लेकर इस बार के बजट में प्रावधान किया है. पिछली बार के बजट में सरकार ने महाबोधि कॉरिडोर बनाने की घोषणा बजट के दौरान ही की थी. उम्मीद की जा रही है कि बुद्ध की ज्ञानस्थली आनेवाले वक्त में आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित होगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच सितंबर 2015 को महाबोधि मंदिर आये थे, तब उन्होंने बौद्ध संगठनों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि बोधगया को एक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित किया जायेगा. अब यह सपना पूरा होता दिख रहा है. हालांकि, इन दो घोषणाओं से पहले भी बोधगया व बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. पिछले कुछ वर्षों में बोधगया को और विकसित करने की दिशा में कई काम भी हुए हैं. इसके साथ ही राजगीर और नालंदा के डेवलपमेंट को लेकर भी कदम उठाये गये हैं.

बौद्ध सर्किट से क्या है उम्मीद

बोधगया और राजगीर के बीच में कई ऐसे स्थल हैं, जिनका विकास पर्यटकीय दृष्टिकोण से आवश्यक है. यहां भी महात्मा बुद्ध से जुड़े अवशेष पाये जाते हैं. इनमें गुरुपद गिरी पर्वत, ढूंगेश्वरी, कुर्किहार सहित अन्य स्थल हैं. यहां भी बौद्ध श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है, पर जरूरी सुविधाओं की कमी खटकती है. अब बौद्ध सर्किट के विकास को लेकर बजट में प्रावधान से लोगों में उम्मीद जगी है कि इन स्थलों व इसके आसपास के क्षेत्र में भी विकास होगा और लोगों को रोजगार प्राप्त होंगे. इसे पर्यटन उद्योग के रूप में भी देखा जा रहा है. मुख्य रूप से विदेशी श्रद्धालुओं के आगमन के कारण आर्थिक विकास को और बल मिलेगा. हाल के दिनों में ऐसा देखा गया है कि तथागत के प्रति मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के लोगों की आस्था बढ़ी है. इस कारण बुद्ध सर्किट के विकास से यहां असीम संभावनाएं बनेंगी.

होटल से लेकर सड़क पर सामान बेचने वालों तक को होगा लाभ

बुद्ध सर्किट के विकास के संदर्भ में होटल एसोसिएशन बोधगया के महासचिव संजय सिंह ने बताया कि जितने ज्यादा लोग आयेंगे, उतना ही ज्यादा यहां वे पैसे खर्च करेंगे. उन पैसों का लाभ पर्यटन स्थलों पर स्थित संसाधन देने वाले चाहे वह होटल हों, परिवहन के क्षेत्र में हों या हैंडीक्राफ्ट के साथ सड़क पर सामान बेचने वाले हों, उन्हें लाभ मिलेगा. स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र का भी विकास होगा.

परिवहन को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़ने का अवसर

बोधगया ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप कुमार ने कहा कि बुद्ध सर्किट के विकास से बौद्ध धर्म को माननेवालों के साथ ही पश्चिमी देशों के नागरिक भी ज्यादा संख्या में आयेंगे, जो भारत की प्राचीन सभ्यता को देखना चाहते हैं. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेवल एजेंसियों से जुड़ाव होगा और व्यापार बढ़ेंगे. इसका लाभ स्थानीय लोगों के साथ देश को भी होगा.

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