Bodhgaya News: 21वीं सदी में वैश्विक अर्थव्यवस्था को ज्ञान आधारित बनाने के संदर्भ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति माना जा रहा है. इसी प्रगति को ध्यान में रखते हुए मगध विश्वविद्यालय ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का प्रस्ताव मंगलवार को संबंधन समिति में रखा. यह प्रस्ताव आईआइटी पटना के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा तैयार डीपीआर के अनुमोदन के बाद लागू किया जायेगा. इस पहल का उद्देश्य विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शोध और अंतर-विषयी सहयोग को बढ़ावा देना है.
युवाओं को आधुनिक कौशल के साथ तैयार करना
इसके साथ ही, युवाओं को आधुनिक कौशल के साथ तैयार करना है, ताकि वे भविष्य की नौकरियों के लिए सक्षम बन सकें. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस हब से स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और शासन जैसे क्षेत्रों में बिहार की प्रगति को बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम के अंतर्गत सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोमा, बी एससी (माइनर और मेजर) तथा एम एससी जैसे कोर्स शुरू किये जायेंगे, जिससे छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे.
युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकी शिक्षा देने के लिए विवि प्रतिबद्ध
इस अवसर पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एआइ के माध्यम से हम न केवल छात्रों को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेंगे, बल्कि बिहार के विकास में भी योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विषयों में शोध और शिक्षण के अवसर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करने में सहायक सिद्ध होंगे.
तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी
प्रो शाही ने यह भी कहा कि यह पहल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी तथा बिहार को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी. यह सेंटर न केवल बिहार के छात्रों के लिए एक नयी दिशा खोलेगा बल्कि राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह कदम युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और राज्य के समग्र विकास को गति देने में मील का पत्थर साबित होगा. इसके साथ ही विद्यार्थी हित में मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न के महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.