इस माह के अंत तक शहर में कैब सर्विस हो जायेगी शुरू
पितृपक्ष मेला की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने सोमवार को कहा कि इस वर्ष मेला 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक आयोजित किया जाना है.
गया. पिछले वर्ष काफी अच्छी व्यवस्था के साथ मेला संपन्न हुआ था. इस वर्ष भी अधिकारी अपनी पूरी लगन व मेहनत से मेले को सफल बनाएं. पिंडदानी देश-विदेश से गयाजी अपने पितरों की मोक्ष के लिए आते हैं. उन्हें एक अच्छी व्यवस्था उपलब्ध करवाना प्रशासन का दायित्व है. उक्त बातें पितृपक्ष मेला की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने सोमवार को कही. इस वर्ष मेला 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक आयोजित किया जाना है. डीएम ने वरीय उप समाहर्ता टोनी कुमारी, राजीव रंजन, आशना कुमारी व सूचना विज्ञान पदाधिकारी को निर्देश दिया है. अभी से ही कॉल सेंटर के लिए सभी आवश्यक कार्य करवाना सुनिश्चित करें, ताकि मेला के 15 दिन पहले कंट्रोल रूम को चालू करवाया जा सके. इसमें काम देखने वाले कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाये. डीएम ने कहा कि कंट्रोल रूम में सभी पंडा जी एवं पुरोहितों का नंबर अनिवार्य रूप से एकत्रित रखें. साथ ही यातायात व्यवस्था के संबंध में डीएम ने बताया कि इस माह के अंत तक गया शहरी क्षेत्र के साथ एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन पर कैब की सुविधा प्रारंभ हो जायेगी. इससे पितृपक्ष मेले के दौरान काफी मदद मिलेगी. डीएम ने सदर एसडीओ को निर्देश दिया है कि रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर विभिन्न टैक्सी व ऑटो चालकों द्वारा मनमाने ढंग से राशि ली जाती है. इस पर पूरी तरह अंकुश लगाना है एवं प्रशासन की ओर से निर्धारित किये गये भाड़े को ही सभी ऑटो रिक्शा, टैक्सी तीर्थ यात्रियों से लेंगे. इस बार भी मेला के अवसर पर तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए वेबसाइट व मोबाइल एप बनाया जा रहा है. वेबसाइट व मोबाइल एप में हर छोटी से छोटी जानकारी उपलब्ध रखी जायेगी, ताकि हर प्रकार की मदद सभी तीर्थ यात्रियों को प्राप्त हो सके. कॉल सेंटर में 40 की संख्या में व्हीलचेयर की उपलब्धता रखनी होगी, ताकि अति बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को मंदिर दर्शन के लिए व्हीलचेयर दी जा सके. कंट्रोल रूम में बीएसएनएल से संपर्क कर पर्याप्त हंटिंग लाइन की व्यवस्था रखनी होगी. डीएम ने कहा कि पिछले वर्ष भी विभिन्न संस्थाओं व एनसीसी के साथ एनवाइके व एस्कॉर्ट एंड गाइड के बच्चों की ओर से मेला के दौरान काफी सहयोग मिला था. उन बच्चों ने काफी उत्कृष्ट कार्य किया था. इस वर्ष भी उन सभी बच्चों की मदद ली जायेगी. डीएम ने कहा कि उन सभी बच्चों को खाना पानी इत्यादि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं. पिछले वर्ष सभी ने काफी सही तरीके से अपना-अपना योगदान दिया था. इस वर्ष भी सभी संस्थाओं से अपील है कि अपना भरपूर सहयोग पितृपक्ष मेला के दौरान पूरी श्रद्धा से दें. उन्होंने अपर समाहर्ता को निर्देश दिया है कि विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की लिस्ट तैयार करते हुए उन्हें जगह आवंटित करना होगा इसके लिए अभी से ही जगह चिह्नित कर लें. डीएम ने कहा कि भीड़-भाड़, रास्ता पर, घाट पर किसी भी हाल में कोई भी स्टाॅल नहीं लगेगा. विदित हो कि मेला क्षेत्र पितृपक्ष मेला अवधि में यात्रियों से भरा रहता है, ऐसे में रास्ता पर कोई भी स्टाॅल लगने से कोई घटना होने की आशंका बन जाती है. नियमित फूड स्टाॅल या स्वयंसेवी की ओर से खिलाए जाने वाले खाद्य पदार्थों की क्वालिटी की जांच करवायी जायेगी. किसी भी हाल में कोई भी तीर्थयात्रियों को बासी खाना नहीं परोसा जाये, इसे सुनिश्चित करवाएं. स्मारिका प्रकाशन को लेकर डीएम ने कहा कि संपादक मंडल का दायित्व होगा कि 20 अगस्त तक सभी आलेखों को एक जगह एकत्रित करते हुए सही ढंग से बिना कोई त्रुटि के तर्पण किताब मुद्रित करवाएं, ताकि लोग गयाजी के महत्व को और अच्छा से समझ सकें. रेलवे स्टेशन, विष्णुपद व गया एयरपोर्ट पर सूचना केंद्र बनाया जायेगा, इन केंद्रों पर बिहार सरकार की ओर से संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जायेगा.
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