17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास शुरू

11 नवंबर तक नहीं बजेंगी शहनाइयां, नहीं होंगे शुभ कार्य

11 नवंबर तक नहीं बजेंगी शहनाइयां, नहीं होंगे शुभ कार्य गया. देवशयनी एकादशी के साथ बुधवार से चातुर्मास शुरू हो गया है, जो 11 नवंबर तक रहेगा. धार्मिक व सनातनी मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान शहनाइयां नहीं बजेंगी. कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किये जा सकेंगे. चातुर्मास की समाप्ति के बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी से सभी मांगलिक और शुभ कार्य किये जा सकेंगे. मान्यता है कि इस दौरान किये गये मांगलिक कार्य का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. जानकारों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं. इस तिथि को प्रत्येक वर्ष भगवान विष्णु चार माह के लिए पृथ्वी लोक से क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं. इसके बाद पुनः देवउठनी एकादशी को पृथ्वी लोक आ जाते हैं. इसी चार माह की अवधि को चातुर्मास कहते हैं. चातुर्मास के दौरान सभी मांगलिक कार्य-विवाह, मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार व अन्य सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. क्योंकि, सभी कार्य शुभ तिथि व शुभ मुहूर्त पर किये जाने का देश में धार्मिक व सनातनी विधान रहा है. चतुर्मास आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि से आरंभ होकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक रहेगा. इन माह में भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं व सृष्टि का संचालन भगवान शंकर के हाथों में होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि हर शुभ कार्य के लिए सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है. लेकिन, भगवान विष्णु के शयन मुद्रा में जाने से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. कार्तिक मास में देवोत्थान यानी देवउठनी एकादशी पर जब भगवान विष्णु योग मुद्रा से उठकर पुनः पृथ्वी लोक पर आते हैं और तुलसी संग उनका विवाह होता है, तब उसके बाद से सभी शुभ कार्य शुरू होते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें