गया. कोरोना से राहत के बाद अब जनजीवन सामान्य होने लगा है. स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थान खुल गये हैं. वर्षों से प्रभावित शैक्षणिक कार्य अब पटरी पर लौट रहा है. बच्चे स्कूल-कॉलेज में पढ़ने के लिए नियमित संचालित कक्षाओं में जा रहे हैं. कोचिंग संस्थान भी बेहतर मार्गदर्शन के लिए फिर से संचालित हो रहे हैं. प्रभात खबर के शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को कोचिंग संस्थानों के संचालकों से बात की गयी. इसमें कोरोना काल के बाद ऑफलाइन क्लास में बच्चों की स्टडी के बारे में जाना.
संचालकों ने कोरोना के कारण ऑनलाइन क्लास से बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव व इससे उबरने में उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में चर्चा की. चर्चा के दौरान बच्चों में पढ़ने-लिखने की आदत में आयी कमी, नोट्स के बजाय मोबाइल व यू-ट्यूब के साथ सॉफ्ट कॉफी स्टडी मेटेरियल के प्रति ज्यादा झुकाव, बेसिक पढ़ाई लेवल में कमी व अन्य बातें बतायी गयीं. साथ ही इन कमियों को एक्सट्रा क्लास के माध्यम से दूर करने व आगे की प्लानिंग बतायी गयी.
कोरोना काल में स्टूडेंट कोचिंग संस्थानों से दूर रहे. लेकिन, परिस्थितियां सुधरने पर ऑफलाइन क्लास शुरू हो गया है. जो स्टूडेंट पढ़ने आ रहे हैं, उनमें सामान्य दिनों की तरह एक्टिविटी नहीं है. ग्रुपपिंग से भी दूर रह रहे. इससे डाउट तुरंत हल हो जाता है. समूह में उनकी क्षमता का भी पता चल जाता है. कम खर्च में एक स्थान पर विभिन्न मैगजीन का भी अध्ययन कर लेते हैं. अभी प्रश्नों को हल करने की स्पीड भी उनमें नहीं दिख रही है. स्पीड बढ़ाने के लिए रिवीजन के साथ टेस्ट पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. -रंजीत कुमार, बीएससी एकेडमी, गया
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कोरोना में कम ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ पाये. ऑफलाइन संचालित मार्गदर्शन में करीब 30 फीसदी स्टूडेंट के पास बेसिक लेवल ठीक नहीं है. उन्हें काफी समझाना पड़ रहा है. एक्स्ट्रा क्लास लेकर स्टडी लॉस को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें सुधार में समय लगेगा. उनमें फाइनेंसियली समस्याएं भी आ रही हैं. संस्थान की ओर से पहले तिहाई फिर आधी फीस लेकर स्टडी से जोड़े रखना पड़ रहा है. – बालकिशन प्रसाद, शिवम क्लासेस, गया
कोरोना के बाद ऑफलाइन क्लास करने आ रहे स्टूडेंट में पढ़ने की आदत प्रभावित है. उन्हें अनुशासित करने में भी मुश्किल हो रही है. सिलेबस को समझ के साथ पूरा करने में अधिक मेहनत करना पड़ रहा है. उन्हें मोबाइल की लत लगी हुई है. शायद ऑनलाइन पढ़ाई व कोरोना में बंद घर में रहने से प्रभाव पड़ा. कोचिंग के दौरान उनकी एक्टिविटी पर नजर भी रख रहे हैं.
-डाॅ पवन गुप्ता, शंकर इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमर्स