गया. आवासीय होल्डिंग में बढ़ोतरी और सड़कों के वर्गीकरण सहित तमाम मामलों को लेकर शुक्रवार को मेयर ने सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों व पार्षदों के साथ प्रेसवार्ता की. इस दौरान मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने कहा कि निगम टैक्स के बारे में भ्रामक प्रचार कर कुछ लोग अपना चेहरा चमका रहे हैं. इस मामले में किसी को राजनीति करने की जरूरत नहीं है. निगम में सारे मामले को लोगों के हित का ध्यान में रखते हुए संभाल लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आवासीय होल्डिंग में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गयी है. 15 वर्षों बाद सरकार के निर्देश पर ही रोड का वर्गीकरण किया गया है. इसमें किसी तरह के भेदभाव से बचते हुए पूरी तौर से पारदर्शिता बरतने का प्रयास किया गया है. इसके बाद भी किसी जगह पर भूल से अनदेखी हुई है, तो उसमें सुधार के लिए यहां निगम में शिविर लगाया जा रहा है. शिविर में मिले आवेदन के आधार पर निगम की टीम सारी बिंदुओं की जांच करेगी. त्रुटि निकलने पर उसमें सुधार के लिए सरकार यहां प्रस्ताव भेजा जायेगा. उन्होंने बताया कि निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आंतरिक स्रोत बढ़ाने की भी जरूरत है. हालांकि, इस मामले में किसी को तंग या परेशान करने का ध्येय निगम का कभी नहीं रहा है. आगे भी नहीं रहेगा. सशक्त स्थायी समिति सदस्य अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि 2013 में ही विधानसभा में नियम पारित कर इस कानून को पालन करने का निर्देश नगर निकायों को दिया गया है. यहां के भी नगर विधायक उस विधानसभा में मौजूद थे. सरकार के आदेश की अवहेलना करने पर बोर्ड, मेयर के साथ यहां के अधिकारी को भी सरकार की ओर से दंडित किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में निगम के लिए नियम मानना मजबूरी है. यहां पर 15 वर्षों बाद ही रोड का वर्गीकरण सरकार के आदेश पर किया गया है. अब यहां प्रचारित किया जा रहा है कि निगम की ओर से टैक्स की बढ़ोतरी की गयी है. सरकार के आदेश के बाद निगम का कोई इसमें हाथ ही नहीं रह जाता है. कुछ लोग आमजन को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. शिकायत मिलने के आभास मात्र से ही शिविर लगाने का फैसला स्टैंडिंग कमेटी में किया गया. शिविर तीन दिनों से चल रहा है. शिकायतों की जांच की जायेगी. अगर सुधार होने से पहले बढ़ा हुआ टैक्स किसी ने जमा कर दिया है, तो उसका समायोजन आगे के टैक्स में कर दिया जायेगा. जुलाई में होनेवाली बोर्ड व स्टैंडिंग की बैठक में इस मामले को लाया जायेगा. उचित फैसला भी उस वक्त लेकर सरकार के पास प्रस्ताव को भेजा जायेगा.
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