बाइपास से देवघाट तक बन रहे पाथवे को अगस्त तक पूरा करा लेने का लक्ष्य
फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर पाथवे बनाने का काम किया जा रहा है.24.85 करोड़ रुपये की लागत से 450 मीटर लंबे व 12 मीटर चौड़े भूगर्भ नाले के साथ पाथवे का निर्माण जल संसाधन विभाग की निगरानी में कराया जा रहा है.
गया. इस वर्ष आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से आनेवाले तीर्थ यात्रियों को एक और नयी सुविधा उपलब्ध होगी. इस नयी व्यवस्था के पूरा होने से देवघाट से सीताकुंड तक जाने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी. जल संसाधन सहित तीन अन्य सरकारी विभागों के सहयोग से फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर युद्ध स्तर पर पाथवे बनाने का काम मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है. कंस्ट्रक्शन से जुड़े पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि 24.85 करोड़ की रुपये की लागत से 450 मीटर लंबी व 12 मीटर चौड़ी भूगर्भ नाले के साथ पाथवे का निर्माण जल संसाधन विभाग की निगरानी में कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पाथवे के किनारे ग्राउंड लेवल से ढाई मीटर ऊंची दीवार, सौ मीटर लंबी व आठ मीटर चौड़े दो घाट भी बनाये जा रहे हैं. साथ ही दीवारों पर भगवान श्री विष्णु की लीलाओं से जुड़ी आकर्षक व मनमोहक चित्रकारी कलाकारों द्वारा ब्रश व रंग के सहारे उकेरी जायेगी. श्री सिंह ने बताया कि इस नये प्रोजेक्ट को आकर्षक लुक देने के लिए पर्याप्त मात्रा में लाइटिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि कंस्ट्रक्शन का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. अगले तीन महीने के भीतर सभी काम को पूरा कर लेने का लक्ष्य है. फल्गु नदी में बन रहे इस पाथवे से देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा. स्थानीय स्तर पर देवघाट व इसके आसपास रह रहे लोगों को सीता कुंड जाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करना होगा. इस पाथवे के सहारे कम समय में व सुरक्षित सीता कुंड जा सकेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है