गया : मगध मेडिकल से अंतिम संस्कार के लिए कोविड संक्रमित या संदिग्ध का शव लेकर पहुंचनेवाले एंबुलेंस ड्राइवर पीपीइ किट श्मशान घाट के पास नदी में फेंक दिया. इस किट को नगर निगम के कर्मचारी ने डिस्पोजल किया. डिस्पोजल करने व किट को जमा करते वक्त निगम कर्मचारी भी पीपीइ किट पहने हुए थे. सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए नगर आयुक्त खुद भी वहां अपने अन्य कर्मचारियों के साथ मौजूद थे.
नगर आयुक्त सावन कुमार ने बताया कि कोविड संक्रमित के मौत के शव को पैकिंग कर अंतिम संस्कार के लिए विष्णुपद स्थित श्मशान घाट भेजा जाता है. एंबुलेंस से शव लेकर पहुंचे ड्राइवर पीपीइ किट खोल कर नदी में फेंक दे रहे हैं. इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है. इससे कोई संक्रमित नहीं हो, इसके लिए मगध मेडिकल अधीक्षक को पत्र भेजा गया है.
पत्र में ड्राइवर काे किट तय जगह पर उतार कर अस्पताल में रखने का निर्देश देने की बात कही गयी है. नियम है कि पीपीइ किट पहने ड्राइवर को श्मशान घाट से वापस अस्पताल जाकर उसे खोल कर डिस्पोजल के लिए डालना है. उन्होंने बताया कि फिलहाल सारे फेंके हुए किट व अन्य सामान को हटा दिया गया है. इस तरह की स्थिति में अस्पताल प्रशासन को सुधार लाने के लिए सहयोग करनी चाहिए. इस संबंध में मगध मेडिकल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के हेड डॉ पीके सिन्हा ने बताया कि पीपीइ किट पहनते संक्रमण मुक्त रहता है. यूज पूरा होने के बाद खोलते वक्त वह संक्रमित होता है.
डॉ सिन्हा ने बताया कि शव लेकर गये एंबुलेंस ड्राइवर द्वारा नदी में पीपीइ किट फेंकने का मतलब है कि शव जला दिया गया है और ड्राइवर चले गये. इससे सोर्स ऑफ इंफेक्शन खत्म हो गया. लेकिन, किट के माध्यम से इंफेक्शन का नया साेर्स पैदा हो जाता है. एंबुलेंस ड्राइवर जिस अस्पताल से पीपीइ किट पहन कर गये हैं. अंतिम संस्कार के लिए शव को पहुंचाने के बाद उन्हें वापस उसी अस्पताल में आकर नियम के अनुसार पीपीइ किट को खोलना है. ऐसे ही खोल कर फेंकना सभी के लिए खतरनाक है.
posted by ashish jha