covid- 19 : कोरोना ने छीन लिया लोगों के चेहरों से मुस्कुराह
कोरोना वायरस के खौफ ने शहर के लोगों के चेहरे से मुस्कुराहट लील लिया है. इस वैश्विक महामारी का कहर इतना बढ़ा हुआ है की लोगों की हंसी मंद ही नहीं, लगभग पूरी तरह से खत्म हो गयी है.
गया : कोरोना वायरस के खौफ ने शहर के लोगों के चेहरे से मुस्कुराहट लील लिया है. इस वैश्विक महामारी का कहर इतना बढ़ा हुआ है की लोगों की हंसी मंद ही नहीं, लगभग पूरी तरह से खत्म हो गयी है. यदि किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ भी जाये तो सामने वाले को इसका अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन सा हो गया है. इस वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर कोई दवा देश व दुनिया में नहीं बनने के कारण इसे फैलने से रोकने के लिए शासन प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी को मास्क लगाने का आदेश जारी किया गया है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग को भी मेंटेन रखने की सलाह दी गयी है.
इस आदेश के बाद सभी के चेहरे मास्क से ढके रहने के कारण एक-दूसरे की हंसी को अब लोग नहीं देख पा रहे हैं. इतना ही नहीं सामने वाले व्यक्ति कि चेहरे पर हंसी है अथवा नहीं, इसका भी अनुमान लगाना आम लोगों के लिए अब काफी कठिन हो गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन व भारतीय वैज्ञानिक द्वारा जो कयास लगाये जा रहे हैं उससे लगता है कि लोगों के चेहरे पर हंसी लौटने में लंबा वक्त लग सकता है. जब वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश व दुनिया को जब पूरी तरह से छुटकारा मिल जायेगा तभी लोगों के चेहरे की हंसी एक-दूसरे लोग देख सकेंगे.
चेहरे के भाव नहीं दिखने से उनके स्वभाव को समझना मुश्किलवैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने जहां लोगों की मुस्कुराहटें छीन ली है. वहीं दूसरी तरफ सामने वाले के स्वभाव भी नहीं समझ सकेंगे. जानकारी हो कि चेहरे पर मास्क लगे रहने के कारण उनके चेहरे पर भाव का क्या स्वरूप हो सकता है, इसका अंदाजा अब लंबे समय तक नहीं लगाया जा सकेगा.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के आने से पूर्व सामने वाले के चेहरे के भाव पढ़कर उनके रूचि के अनुसार बातचीत करना सरल था. क्योंकि चेहरे के भाव से उनके स्वभाव भी सामने दिख जाते थे. लेकिन अब इस महामारी ने लोगों के इस स्वभाव को भी मास्क के पीछे अंडरग्राउंड कर दिया है. जब तक चेहरे से मास्क नहीं हटेंगे तब तक उनके स्वभाव को भी पता लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा.