गया. बिसुआ पर्व 14 अप्रैल को मनाया जायेगा. इस पर्व पर विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटने की उम्मीद है. वहीं इसके साथ खरमास समाप्त होने से सभी शुभ काम भी शुरू किये जा सकेंगे. श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि बिसुआ पर शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से काफी लोग विष्णुपद मंदिर आकर भगवान की पूजा अर्चना व उपासना करते रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तिथि पर पिंडदान का भी विशेष महत्व है. इस महत्त्व के कारण इस तिथि को भी गयाजी में काफी श्रद्धालु अपने पितरों को पिंड अर्पण करते हैं. भुसुंडा में पशु मेला का भी आयोजन होता है. उन्होंने बताया कि इस पर्व पर पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं के पितरों को बैकुंठ लोक की प्राप्ति होने की मान्यता है. साथ ही कर्मकांड करने वाले श्रद्धालुओं को भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. श्री विट्ठल ने बताया कि बिसुआ में सत्तू गुड़ व आम के खाने की सनातनी व काफी पौराणिक परंपरा रही है. इसलिए बिसुआ को सतुआनी पर्व भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि इस पर्व को लेकर समिति की ओर से मंदिर परिसर में पानी, बिजली, सफाई, सुरक्षा व रोशनी की समुचित व्यवस्था की गयी है. इधर, इस पर्व को लेकर खुदरा बाजार में चने का सत्तू 120 रुपये प्रति किलो, गुड़ 48 से 60 रुपये प्रति किलो व रावा 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
बिसुआ पर विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालुओं की जुटेगी भीड़
बिसुआ पर्व 14 अप्रैल को मनाया जायेगा. इस पर्व पर विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटने की उम्मीद है. वहीं इसके साथ खरमास समाप्त होने से सभी शुभ काम भी शुरू किये जा सकेंगे.
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