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गया में डॉक्टर से 4.40 करोड़ रुपये की साइबर ठगी

सीबीआइ के नाम पर आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष व गया निवासी डॉ अभय नारायण रॉय से चार करोड़ 40 लाख रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है.

गया. सीबीआइ के नाम पर आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष व गया निवासी डॉ अभय नारायण रॉय से चार करोड़ 40 लाख रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. इसको लेकर पीड़ित डॉ रॉय ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. गया शहर के रामपुर थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ मुख्यालय के सामने रहनेवाले डॉ रॉय ने साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी साक्षी रॉय को बताया है कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करनेवाले ने उन्हें बताया कि उनके विरुद्ध सीबीआइ में क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है. उनके नाम से एक मोबाइल फोन नंबर है और मुंबई में स्थित एचडीएफसी बैंक में उनके नाम से एक खाता खोला गया है. इस खाते में मनी लॉड्रिंग व इलीगल पैसे जमा होते हैं. अगर सीबीआइ के क्रिमिनल केस से बचना है, तो अपने खाते से सारा रुपये संबंधित बैंक खाताें में जमा कर दें, नहीं तो तुरंत वारंट जारी करा कर गिरफ्तार कर लिया जायेगा. इसके अलावा उन्हें तीन करोड़ रुपये सिक्यूरिटी मनी के रूप में जमा करना होगा. डॉ रॉय ने साइबर थानाध्यक्ष को बताया कि कॉल करनेवाले व्यक्ति की बातों में वह आ गये और उसके द्वारा दिये जा रहे विभिन्न खातों में 31 जुलाई से पांच अगस्त तक कुल चार करोड़ 40 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये. इधर, पीड़ित डॉ रॉय के बयान पर साइबर थानाध्यक्ष साक्षी रॉय ने साइबर थाने में केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. ठगी करने के मामले को एसएसपी आशीष भारती ने गंभीरता से लिया है और सिटी एसपी प्रेरणा कुमार के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया है. गुरुवार को एसएसपी ने बताया कि एसआइटी में साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी साक्षी रॉय सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया है, ताकि ठगी करनेवाले अपराधियों की पहचान और उसकी गिरफ्तारी की जा सके. एसएसपी ने बताया कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए साइबर थाने के द्वारा एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से 61 लाख रुपये को होल्ड कराया गया है और होल्ड कराये गये 61 लाख रुपये को पीड़ित को वापस लौटाने से संबंधित कार्रवाई की जा रही है. एसएसपी ने बताया कि पीड़ित के खाते से निकासी होने के बाद जिस खातेदार के एकाउंट में रुपये जमा हुए, उससे संबंधित 123 बैंक खाते हैं. सभी 123 बैंक खातों का केवाइसी से संबंधित दस्तावेज संबंधित बैंक प्रबंधकों से मांगा गया है. केवाइसी प्राप्त हो जाने के बाद उक्त खाताधारकों का सत्यापन किया जायेगा.

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