दीर्घायु के लिए आयोजित सभा में दलाईलामा ने कहा- मेरा स्वास्थ्य अभी ठीक, 116 वर्ष से ज्यादा रहूंगा जीवित
दलाई लामा की तीन दिवसीय टीचिंग कार्यक्रम के समापन के बाद रविवार को उनके दीर्घायु को लेकर प्रार्थना सभा आयोजित की गयी थी. इसमें श्रद्धालुओं व अनुयायियों को दलाईलामा ने दीर्घायु होने के लिए चित्त को खुश रखने की नसीहत देते हुए कहा कि बोधिचित्त व शून्यता का अभ्यास करते रहें.
बोधगया के कालचक्र मैदान में बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि उनका स्वास्थ्य अभी ठीक है. उनकी ज्यादा चिंता नहीं करें. उन्होंने कहा कि वह कई मर्तबा यह सपना भी देख चुके हैं कि वह निश्चित रूप से 115-116 वर्ष तक जीवित रहेंगे. फिलहाल लोग खुश रहें या खुश रहने की कोशिश करें.
दलाई लामा के दीर्घायु को लेकर प्रार्थना सभा आयोजित की गयी थी
दरअसल, दलाई लामा की तीन दिवसीय टीचिंग कार्यक्रम के समापन के बाद रविवार को उनके दीर्घायु को लेकर प्रार्थना सभा आयोजित की गयी थी. इसमें श्रद्धालुओं व अनुयायियों को दलाईलामा ने दीर्घायु होने के लिए चित्त को खुश रखने की नसीहत देते हुए कहा कि बोधिचित्त व शून्यता का अभ्यास करते रहें. दलाईलामा के दीर्घायु होने के लिए आयोजित प्रार्थना सभा में कालचक्र मैदान का कोना-कोना भरा हुआ था और लगभग 60 हजार से ज्यादा विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं, लामा व भिक्षुणियों से भरा था.
चीन के ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म के हैं अनुयायी
दलाई लामा ने कहा कि चीन प्राचीन काल से ही बौद्ध देश रहा है. यहां की सरकार भले ही बौद्ध धर्म को नहीं मानती, पर ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म के ही अनुयायी हैं. उन्होंने कहा कि चीन के श्रद्धालुओं के आग्रह पर उन्होंने प्रार्थना भी की है. दलाई लामा ने कहा कि बौद्ध दर्शन के प्रति पश्चिमी देशों के लोगों में रुचि बढ़ी है.
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तिब्बत की समस्या को अवसर बना लेने का किया आह्वान
बौद्ध धर्मगुरु ने तिब्बत की समस्या का भी जिक्र किया और वर्तमान समस्या को अवसर में बदलने का आह्वान किया. कहा कि तिब्बत में समस्याएं तो हैं, पर इसे अवसर में बदल देना चाहिए. धर्मगुरु ने कहा कि दुनिया जानती है कि दलाईलामा की सोच क्या है. इस कारण आज नववर्ष के अवसर पर आप सभी स्वस्थ जीवन की कामना के साथ अपने-अपने घर लौटें. इस अवसर पर बौद्ध लामाओं ने पूजा-अर्चना की व दलाईलामा की लंबी आयु के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की.