17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डाटा लैब का आज होगा उद्घाटन : सीइओ

गया न्येज. 2047 तक भारत तीसरी अर्थव्यवस्था होने की दिशा में है अग्रसर

गया न्येज. 2047 तक भारत तीसरी अर्थव्यवस्था होने की दिशा में है अग्रसर

गया.

हमारी जो वर्तमान अर्थव्यवस्था है, वह भारत विश्व के पांचवें स्थान पर है. जिस गति से हमारा देश आगे बढ़ रहा है, दो-ढाई वर्षों में हम दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले बनने वाले हैं. 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था सात मिलियन डॉलर हो जायेगी. बिपार्ड में सोमवार की शाम नीति आयोग नयी दिल्ली के सीइओ बीवीआर सुब्रह्यमन्यम ने प्रेसवार्ता के दौरान उक्त बातें कहीं. मंगलवार को यहां आधुनिक डाटा लैब का उद्घाटन होने वाला है, यह देश का पहला व सबसे अच्छा प्लान है. इसमें डेटा को इकट्ठा करना नहीं, बल्कि उसे विजुलाइज करना है. एक नक्शे में पूरे बिहार के प्रमंडल, जिला, प्रखंड से लेकर गांवों तक का एकीकृत डाटा विजुलाइज मिलेगा. इसमें सभी जानकारियां रहेंगी. 1200 डेटाबेस होगा. कितने टूरिस्ट आ रहे हैं, कितने टूरिस्ट पिछले वर्ष आये, सभी तरह के डेटा रहेंगे. इसमें चार हजार से ज्यादा बेस प्रैक्टिसेस शामिल हैं. इससे लोग जान सकेंगे. यहां गूगल की तरह ढूंढ़ना नहीं होगा, इसमें ढूंढ़ कर रखा गया है. डेटा बेस प्रशिक्षण के लिए गया देश में रिकार्ड बनेगा. आकांक्षी जिलों को पैसा नहीं देते हैं, तो इंपैक्ट देते हैं. बिहार की परफॉर्मेंस अच्छी है. इनके लगभग 50 प्रतिशत जिले आगे बढ़ रहे हैं. बेसिक स्तर पर आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, देश के प्रधानमंत्री ने कहा है कि आजादी के सौ साल पूरे होने यानी 2047 तक हम भारत को विकसित देश बनायेंगे. विकसित भारत की परिभाषा है डेवलप कंट्री. डेवलप कंट्री दो प्रकार के हैं. पहला यह कि हमारी जो प्रति व्यक्ति जीडीपी है, उसे हम पार करें. सालाना 18 हजार डॉलर का प्रति व्यक्ति आय को अगर जीडीपी के नजरिये से देखा जाये, तो वह बढ़कर 30 मिलियन डॉलर यानी लगभग साढ़े नौ गुणा बढ़ा है. इसका मतलब है कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका की अर्थव्यवस्था जितनी बड़ी होगी. आज अमेरिका की अर्थव्यवस्था 25 मिलियन डॉलर है. हमारा 2047 से 30 मिलियन डॉलर होगा. लेकिन, देश के विकास का अंदाजा केवल पैसों से नहीं लगाया जा सकता है. कैसे रह रहे हैं, कैसे जी रहे हैं, कितना सुखी हैं, इस दृष्टि से भी देखना है. पहले देश में हर व्यक्ति के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, अनाज व बैंक खाता जरूरी थी. इसके बाद जैसे संपन्न देश में लोग रहते हैं. अच्छी सेहत, फैसिलिटी, नौकरी के लिए, आपके पास अच्छी आमदनी हो, बचत हो, अच्छा मकान हो, उस दिशा में काम करना है. इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं. इसी कड़ी में एक योजना है आकांक्षी जिला कार्यक्रम. पिछले वर्ष आकांक्षा प्रखंड कार्यक्रम शुरू हुआ. देशभर में 112 जिले आकांक्षी कार्यक्रम के तहत लिये गये हैं, जिनमें बिहार के 13 जिले शामिल हैं. एक मापदंड के अनुसार जो पिछड़े जिले हैं, उन्हें इसमें शामिल किया गया है.

बिहार के 61 प्रखंड चयनित

आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में देशभर के 500 प्रखंड चयनित हैं, जिनमें बिहार के 61 हैं. 12 प्रतिशत प्रखंड बिहार के हैं. ये 61 प्रखंड 27 जिलों में फैले हैं. आज देश में पैसों में कमी है. जिन जिलों को चुना गया है, उनमें राशि पर्याप्त है. हर व्यक्ति को जिस कार्यक्रम का लाभ मिलना है, उसे पहुंचाना है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि जैसी मूलभूत सुविधाएं इंफ्रास्ट्रक्चर, मकान, टेलीफोन, सड़क हैं. पिछले दो अक्तूबर को ही नीति आयोग ने संपूर्णता अभियान चलाया. इसमें बिहार का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा है. जिन जिलों का परफॉर्मेंस अच्छा होगा, उन्हें केंद्र व राज्य की सरकार सम्मानित करेगी. विश्वास है कि इसी गति से बढ़ते रहें, तो सभी आकांक्षी जिले बाकी जिलों के साथ हो जायेंगे. जो बुनियादी सुविधाएं अभी की हैं, ये पिछले शताब्दी की हैं. अब हमें अगले शताब्दी के प्रॉब्लम के बारे में सोचना चाहिए. इसमें उच्च शिक्षा, कॉलेज डिग्री, टेक्निकल डिग्रियां, छोटे उद्योग के बजाये बड़े उद्योग की दिशा में कैसे जायें, इस दिशा में ले जाने के लिए है.

बिहार के अधिकांश जिले राष्ट्र के बेहतर जिलों में शामिल हो

आकांक्षी जिला का मतलब यही है कि बेसिक चीजों को साइड में करना है. बिहार की प्रगति अच्छी रही है. बिहार के कई सारे जिले अवॉर्ड ले रहे हैं. दूसरा है बिहार का अगला प्लान, जिसका उद्घाटन करना है. बिहार के अधिकांश जिले राष्ट्र के बेहतर जिले में पहुंचे हैं. स्वास्थ्य रोगी केंद्रित सेवा केंद्र में प्राइमरी हेल्थ सेंटर से लेकर जिले स्तर तक के स्वास्थ्य केंद्र हैं. प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का लाभ मरीजों को मिलता है चार हजार से अधिक अस्पतालों में. सभी लोग कार्ड अपनी जेब में रखें और तुरंत लाभ पाएं. सीनियर सिटीजन को भी इसमें शामिल किया जा रहा है. आयुष बीमारी का इलाज नहीं करता उसे एलोपैथ से जोड़ा रहा है. योगा, कसरत करा करके शरीर को मजबूत बनाया जा रहा है. साढ़े सात लाख लोग दुनिया में सौ वर्ष के ऊपर के हैं. देश में औसतन 69 वर्ष जीवित रहने का अभी का आकलन है. इसे बढ़ाना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें