बौद्ध स्थलों के संरक्षण की उठी मांग
बौद्ध संगठनों के राष्ट्रीय समन्वय समिति की ओर से बोधगया में 10वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद का आयोजन किया गया है.
बोधगया. बौद्ध संगठनों के राष्ट्रीय समन्वय समिति की ओर से बोधगया में 10वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद का आयोजन किया गया है. इसमें देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि सहित बौद्ध विद्वान व भिक्षु शामिल हो रहे हैं. महाबोधि मेडिटेशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन शनिवार को हुआ व इसमें मुख्य रूप से देश के विभिन्न राज्यों में अवस्थित बौद्ध स्थलों, प्राचीन बौद्ध गुफाओं सहित बौद्ध महाविहारों के संरक्षण व सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. इसके लिए संरक्षण व सर्वेक्षण योजना व बुद्ध विहार मोनास्ट्री एक्ट लाने की बात कही गयी. विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को भी बौद्धों के हाथों में सौंपने को लेकर चर्चा की गयी. कहा गया कि अन्य धर्मों की तरह बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल महाबोधि मंदिर के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी बौद्ध संगठनों के हाथों में होनी चाहिए. इसके साथ ही, बोधगया का सौंदर्यीकरण के साथ ही अन्य सुविधाओं को लेकर भी चर्चा की गयी. बताया गया कि अगले दो दिनों में अन्य मसलों पर भी चर्चा की जायेगी व एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपा जायेगा. समन्वय समिति के राष्ट्रीय समन्वयक अभय रत्न बौद्ध ने बताया कि धम्म संसद में कुल 23 प्रस्तावों पर चर्चा की जायेगी व अंत में इसके निष्कर्ष से सरकार को अवगत कराया जायेगा. धम्म संसद में मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष भिक्खु डॉ यू संदामुनी, राष्ट्रीय सलाहकार रमेश बैंकर बौद्ध, आइबीसी बोधगया के महासचिव भिक्खु प्रज्ञादीप, भंते आनंद महािोरा सहित अन्य शामिल हुए. धम्म संसद में त्रिपुरा से महाराष्ट्र व राजस्थान से पश्चिम बंगाल तक के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
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