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12 उम्मीदवारों के जब्त हुए जमानत

गया संसदीय क्षेत्र के चुनाव परिणाम आने के बाद जहां निर्वाचित उम्मीदवार, एनडीए घटक दलों के घरों व कार्यालय में पूरे दिन जश्न मनता रहा. वहीं राजेंद्र आश्रम स्थित महागठबंधन के उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में पूरे दिन खामोशी रही.

नीरज कुमार, गया. गया संसदीय क्षेत्र के चुनाव परिणाम आने के बाद जहां निर्वाचित उम्मीदवार, एनडीए घटक दलों के घरों व कार्यालय में पूरे दिन जश्न मनता रहा. वहीं राजेंद्र आश्रम स्थित महागठबंधन के उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में पूरे दिन खामोशी रही. इस चुनाव में यहां महागठबंधन के समर्थित राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार कुमार सर्वजीत का चुनावी कार्यालय बना था. चुनाव परिणाम का रुझान एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में जब आने शुरू हुए, तभी से इस चुनाव कार्यालय में इक्के-दुक्के लोग भी नहीं पहुंच सके. यहां वर्षों से जिला कांग्रेस पार्टी का कार्यालय भी स्थित है. इस चुनाव में गया संसदीय क्षेत्र से 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे. इनमें से 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी है. गया संसदीय क्षेत्र से इस चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे. मतगणना के पहले तक सभी जीत का दावा कर रहे थे. चुनाव परिणाम आने के बाद उम्मीदवारों के दावे की सच्चाई ने जग जाहिर कर दिया. इस संसदीय क्षेत्र से जीतन राम मांझी चार लाख 94 हजार 960 मत लाकर विजयी घोषित हुए. इस संसदीय क्षेत्र से दूसरे स्थान पर रहे महागठबंधन के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत को तीन लाख 93 हजार 148 मत प्राप्त हुआ. बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार सुषमा कुमारी को 12 हजार 376, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के धीरेंद्र प्रसाद को 5629, दी नेशनल रोड मैप पार्टी ऑफ इंडिया के गिरधर सपेरा को 4727, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के सुरेंद्र मांझी को 3035, भारतीय लोक चेतना पार्टी के शिव शंकर को 2384, निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र प्रताप को 9211, रानू कुमार चौधरी को 4505, रंजन कुमार को 4234, आयुष कुमार को 4103, अमरेश कुमार को 2821, अशोक कुमार पासवान को 2701 व निर्दलीय उम्मीदवार अरुण कुमार को 2554 मत प्राप्त हुए. इस संसदीय क्षेत्र के 17 हजार 288 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया. निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों व उनके समर्थकों द्वारा विजय जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है. इसके कारण इस चुनाव में फूलमाला के कारोबार पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा. इससे जुड़े कारोबारी विकास मालाकार व शंकर मालाकार ने बताया कि लोक सभा, विधान सभा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हर बार फूल माला की काफी खपत होती थी. निर्वाचन आयोग द्वारा विजयी जुलूस निकलने पर रोक लगा देने से चुनाव परिणाम आने के बाद भी इक्के-दुक्के लोग ही फूल माला की खरीदारी किया. इन कारोबारियों ने बताया कि उम्मीदवारों व उनके समर्थकों द्वारा विजयी जुलूस निकाली जाती तो फूल माला का कारोबार काफी ठीक होता.

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