ऐसे लहरा के वो रू-ब-रू आ गये…
गेहलौर महोत्सव कार्यक्रम में डिंपल भूमि के गायकी से वहां आये श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये. लोक गायिका ने अपनी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी.
खिजरसराय. कार्यक्रम में डिंपल भूमि के गायकी से वहां आये श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये. लोक गायिका डिंपल ने अपनी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दिया इनके गीतों से गेहलौर की वादियां गूंज उठीं. कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति गीत ’झोली-झोली भर दो बाबा हे भोलेनाथ…’, ‘ऐसे लहरा के वो रू-ब-रू आ गये …’, ‘मुझे दिल की बीमारी है…’ सहित एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दिन के गानों पर स्रोत आज झूमते नजर आये. इसके पूर्व नालंदा संगीत विकास संस्थान के कलाकारों द्वारा बिहार गौरव गान पर आए कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति दी. कस्तूरबा गांधी विद्यालय मोहड़ा की छात्राओं द्वारा भी अपनी कला प्रस्तुत की गयी. स्थानीय गायक राजू तिवारी ने सन्यासी पहिया मोर देवरा किसान, बाबा देलु टीका सहित अन्य गाना गाकर दर्शकों का मनोरंजन किया. विद्यालय जेठियन की छात्राओं ने करते हैं दशरथ मांझी की भूमि पर स्वागत गान से आगंतुकों का स्वागत किया. डिंपल भूमि ने गहलोत महोत्सव में बुलाये जाने पर कहा कि आज मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. मगध की बेटी होकर मगध की एक महान हस्ती जिन्होंने प्रेम में 22 वर्षों तक पत्थर काटते रहे और लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और महोत्सव के रूप में मुझे मुख्य कलाकार के रूप में अपनी प्रस्तुति देने का मौका मिला है. डिंपल भूमि मुख्य रूप से अरवल जिले के लारी दरहेटटा गांव की रहनेवाली हैं .
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