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बदलते मौसम में बढ़ीं बीमारियां, अस्पतालों में अफरा-तफरी

बरसात में सर्दी, फ्लू, इन्फ्लूएंजा, बुखार व गले में खराश आदि का शिकार होकर इन दिनों इलाज के लिए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. कारण है कि थोड़ी सी असावधानी बरतने पर लोग बीमार हो जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 23, 2024 5:31 PM

गया. बरसात में सर्दी, फ्लू, इन्फ्लूएंजा, बुखार व गले में खराश आदि का शिकार होकर इन दिनों इलाज के लिए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. कारण है कि थोड़ी सी असावधानी बरतने पर लोग बीमार हो जा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में एएनएमएमसीएच में देखा जाये, तो हर ओपीडी में 1700 से अधिक मरीज दिखाने पहुंच रहे हैं, तो सदर हॉस्पिटल में 800 संख्या रह रही है. पीएचसी, सीएचसी में भीड़ बढ़ गयी है. पूरे जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या हर दिन देखी जाये, तो 300 से पार ही होती है. एएनएमएमसीएच के डॉ एनके पासवान ने कहा कि सेहत के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही लोगों को बुरी बीमार कर रही है. खास करके जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है. जैसे कि बुजुर्ग और बच्चों को ऐसी संक्रमित बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा होता है. कोल्ड एंड फ्लू माॅनसून के दौरान तापमान में अचानक आये बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी समस्याएं होने की संभावना बनी रहती है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भीड़ बढ़ने के चलते ओपीडी के समय अफरा-तफरी का माहौल हो जाता है. इसके चलते अलग से डॉक्टर लगाकर इलाज कराना पड़ रहा है. किसी को बिना इलाज के वापस नहीं जाने दिया जा रहा है. बारिश के साथ गर्मी के मौसम में सर्पदंश के भी मामले अधिक आ रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि गर्मी के बाद बारिश काफी ज्यादा राहत प्रदान करती है, पर इस समय के टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी में कीटाणु अधिक सक्रिय हो जाते हैं और विभिन्न प्रकार के संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है. बरसात में होने वाली बीमारियों में डायरिया, स्किन एलर्जी, डेंगू फीवर, मलेरिया और फ्लू इन्फेक्शन शामिल हैं. इन समस्याओं से उभरना बहुत ज्यादा कठिन है. उन्होंने कहा कि यह सभी समस्याएं स्वास्थ्य को लंबे समय तक और गंभीर रूप से प्रभावित कर देती हैं. हालांकि, इस मौसम कुछ जरूरी एहतियात बरत कर और हाइजीन रूटीन को फॉलो करके खुद को हेल्दी रख सकते हैं. सीएस ने कहा कि बीमारी होने के एहसास होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें. स

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