Diwali 2024: दिवाली को लेकर गया के इन बाजारों में बढ़ी रौनक, 150 से 1200 रुपये में बिक रहा घरकुंडा

Diwali 2024: दीपों का त्योहार और रोशनी का महापर्व दिवाली 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ शुरू हो रहा है. जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है, दुकानदारों की व्यस्तता बढ़ती जा रही है और टिकारी रोड, जीबी रोड, चौक और केपी रोड पर अधिक भीड़ देखी जा रही है.

By Anand Shekhar | October 28, 2024 7:11 AM

Diwali 2024: 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ ही रोशनी का महापर्व दिवाली की शुरुआत हो रही है. 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली और 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा मनाई जाएगी. जैसे-जैसे दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है, बाजार में चहल-पहल भी तेजी से बढ़ने लगी है. रविवार को दिनभर बाजार में भीड़ रही और गया शहर व जिले के ग्रामीण इलाकों से लोग दिवाली की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े.

इन क्षेत्रों में बढ़ी खरीददारों की भीड़

टिकारी रोड, केपी रोड, जीबी रोड, चौक, लहरिया टोला, धामी टोला, पुरानी गोदाम सहित अधिकतर व्यावसायिक क्षेत्रों में सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ रही. जीबी रोड पर जहां मिट्टी के दीये, डेकोरेशन सामग्री, पटाखा, लक्ष्मी गणेश जी की छोटी मूर्तियां व दीपावली से जुड़े अन्य सामानों की स्थायी व सड़क किनारे लगी अस्थायी दुकानों से रविवार को काफी लोगों ने अपनी आर्थिक क्षमता व जरूरत के अनुसार सामान की खुले मन से खरीदारी की.

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वाहनों की लंबी कतार के कारण पैदल चलने को मजबूर हुए लोग

इन व्यावसायिक क्षेत्र में खरीदारी को लेकर काफी लोगों के एक साथ बाजार में आने से दोपहर बाद से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रही. इन क्षेत्रों में पूरे दिन रुक-रुक कर जाम लगता रहा. टिकारी रोड, जीबी रोड, चौक व केपी रोड में सड़क किनारे लगी दुकानों व वाहनों की लगी लंबी कतार के कारण पैदल चलने में भी आम लोगों को मशक्कत करना पड़ रहा था. भीड़ अधिक रहने से लोगों को गंतव्य स्थान तक पहुंचने में लंबा समय व्यतीत हो रहा था. इधर, सड़कों पर लगे जाम को सामान्य बनाये रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात यातायात पुलिस के पसीने छूट रहे थे.

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डेढ़ सौ से 12 सौ रुपये में बिक रहा घरकुंडा

दीपावली पूजा में काफी सनातनी घरों के बच्चों द्वारा घरकुंडा (घरौंदा) की भी पूजा की जाती है. पौराणिक व सनातनी परंपरा अनुसार इसमें बालिकाओं की भूमिका अधिक होती है. इस बार भी दीपावली का बाजार घरकुंडा से भी सजा हुआ है. रमना रोड सहित आसपास के मुहल्लों में स्थित फर्नीचर की अधिकतर दुकानें लकड़ी व लोहे के बने घारकुंडे (घरौंदे) सजा हुआ है.

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दीपावली से जुड़े सामानों की खरीदारी के निमित्त बाजार आये अधिकतर लोग इन दुकानों से अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार व मनपसंद घरकुंडे की भी खरीदारी कर रहे हैं. घरकुंडा के कारोबारी अनिल कुमार ने बताया कि साइज के अनुसार लोहे का घरकुंडा प्रति पीस 280 से 1250 व लकड़ी के बने घरकुंडे प्रति पीस डेढ़ सौ से 1000 रुपये तक खुदरा बाजार में बिक रहा है.

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