25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डीएम ने बैठक में दिये निर्देश

पीड़ित को तेजी से एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा दिलाएं

पीड़ित को तेजी से एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा दिलाएं

गया़

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता व अनुश्रवण समिति की बैठक गुरुवार को समाहरणालय के सभागार में डीएम डॉ त्यागराजन व एसएसपी आशीष भारती की मौजूदगी में हुई. इसमें डीएम ने कहा कि हर ब्लॉक में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी की पोस्टिंग है. उनके संबंधित प्रखंड क्षेत्र में एससी-एसटी से जुड़े लोगों से गंभीर घटना हुई है, तो हर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी उसे गंभीरता से लें और पीड़ित परिजनों से जरूर मुलाकात करें. पीड़ित परिजनों से हर प्रकार की पूरी जानकारी लें कि घटना कैसे हुई और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे. सभी आवश्यक कागजातों को प्राप्त करते हुए पीड़ित परिवार को तेजी से एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा दिलाएं. डीएम ने मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने में कोई देरी नहीं करें. पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करते हुए जिला कल्याण कार्यालय को समय से भेजते रहें.

फरार आरोपितों को करें गिरफ्तार

डीएम ने कहा कि जिस किसी केस में आरोपित फरार चल रहे हैं, उसकी गिरफ्तारी कराएं. किसी भी हाल में चार्जशीट दायर करने में देरी नहीं करें. जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सितंबर-2020 के बाद से एससी-एसटी केस में हत्या के मामले में मृतक के आश्रित को चतुर्थ ग्रेड में अनुकंपा की नौकरी दी जानी है. इसके लिए वैसे संबंधित मामलों में जिला अनुकंपा समिति को कागजात हैंडओवर किये गये हैं. एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि एक जुलाई से नये कानून लागू होने से कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में जीरो एफआइआर दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपने घर से थाने में एफआइआर दर्ज करा सकते हैं. उसके लिए उन्हें घर से ही थाना को आवेदन करना होगा व आवेदन देने के तीन दिनों के बाद थाने में जाकर हस्ताक्षर करना होगा. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी से संबंधित पिछले सात माह में 200 से ऊपर गिरफ्तारी की गयी है. उन्होंने कहा कि कोई भी मामले के वांछित अपराधी, जो पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, उनकी हर हाल में गिरफ्तारी की जायेगी. कोई भी अपराधी बख्शे नहीं जायेंगे. इस बैठक में स्पेशल पीपी (न्यायालय) ने बताया कि इस माह एससी-एसटी के केस में न्यायालय द्वारा छह मामले सिद्ध हुए हैं, जो काफी अच्छा है.

पीड़ितों को लाभ देने में सूबे में गया अव्वल

डीएम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस अधिनियम के तहत प्रथम किस्त कुल 71 लाभुकों एवं द्वितीय किस्त कुल 20 लाभुकों को दी गयी. इस प्रकार राज्य में गया जिला में सर्वाधिक पीड़ितों को लाभान्वित किया गया है. इस पर कुल 54 लाख 12 हजार 02 सौ रुपये का व्यय हुया है. हत्या के कुल दो मामलों में राहत अनुदान प्रदान किया गया है. हत्या संबंधित पूर्व के मामलों में कुल 64 आश्रितों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है. सभी संबंधित आश्रितों को जुलाई माह तक पेंशन भुगतान अद्यतन है. दो नयी पेंशन के मामलों की स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जल्द ही इन्हें भी पेंशन उपलब्ध करायी जायेगी. इन सभी मामलों में यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता दिये जाने का निर्देश डीएम ने दिया है. इसकी सूची विशेष लोक अभियोजक उपलब्ध करायेंगे.

वर्तमान में कई मुआवजा लंबित नहीं

वर्तमान समय में जिला कल्याण विभाग के कार्यालय में कोई भी मुआवजा लंबित नहीं है. प्रत्येक केस में मुकदमा दर्ज करने के समय पीड़ित को डेढ़ सौ रुपये अल्पाहार की भी राशि दी जाती है. बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति मामले के तहत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आनेवाले पीड़ित को टीए/डीए दिया जा रहा है. इस प्रकार कुल नौ केस में पीड़ित को टीए/डीए दिया गया है. टीए/ डीए में आने-जाने के लिए 200 रुपये व श्रम संसाधन विभाग की ओर से निर्धारित दैनिक मजदूरी एक दिन की रकम दी जाती है. वर्तमान में 410 रुपये श्रम संसाधन विभाग की दैनिक राशि निर्धारित है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें