ANMMCH में हीटवेव के मरीजों के लिए 48 बेड ही फंक्शनल, डीएम ने हर छोटी कमियों को दूर करने का दिया टास्क

गया के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने मंगलवार को ANMMCH के हीट वेव वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वार्ड में हर तरह की व्यवस्था को तुरंत सही करने का टास्क दिया

By Anand Shekhar | May 15, 2024 5:30 AM

किसी भी मरीज में हीट वेव के सिमटम दिखाई देते हैं, तो तुरंत ही इसके लिए बनाये गये वार्ड में भर्ती करें. मरीज के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो, इसका हर स्तर पर ख्याल रखा जायेगा. हर तरह की व्यवस्था वार्ड में तुरंत ही कर लें, ताकि यहां मरीज के आने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं हो. उक्त बातें ANMMCH स्थित डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड का निरीक्षण करते डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने मंगलवार को कही.

डीएम डॉ त्यागराजन ने कहा कि गर्मी के पीक सीजन में हीट वेव के दौरान लगाये गये एयर कंडीशन को पूरी मेंटेनेंस के लिए अस्पताल प्रबंधन एक टीम को सेपरेट रखे. रोस्टर बनाकर ही डॉक्टर, जीएनएम व अन्य स्टाफ की तैनाती यहां की जाये. इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले डॉक्टर व जीएनएम को हीटवेव की एसओपी की जानकारी अच्छी तरह से दें. वार्ड ब्वॉय, ट्रॉली मैन, गार्ड, जीएनएम व डॉक्टरों को भी एसओपी के अनुरूप ट्रेंड किया जाये. यह काम अगले दो दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाना चाहिए. हीट वेव से पीड़ित मरीजों का कैसे उपचार किया जाता है, मरीज को पहले कहां लाया जायेगा तथा क्या-क्या एसओपी पालन कराया जायेगा, सभी को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए.

हीट वेव के मरीजों के लिए 48 बेड ही फंक्शनल

हीट वेव के डेडिकेटेड वार्ड में फिलहाल 48 बेडों को फंक्शनल कराया गया है. अन्य बेडों के मरीजों का आना शुरू होने पर खाली कराने की बात कही गयी है. यहां पर 96 बेड हीट वेव के मरीजों के लिए रखे गये हैं. वार्ड में 50 से अधिक एयर कंडीशन लगाये गये हैं. इस पूरे वार्ड को वातानुकूलित रखा गया है, ताकि क्रिटिकल कंडीशन में हीट वेव से पीड़ित मरीज का अच्छे तरीके से उपचार किया जा सके. फिलहाल यहां पर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की तैनाती कर दी गयी है. डीएम को बताया गया कि अस्पताल में 200 आइस पैक उपलब्ध हैं. तीन डीप फ्रीजर भी उपलब्ध हैं. सात एंबुलेंस हैं. सभी में आइसपैक की व्यवस्था रखने को कहा गया है. अस्पताल में मरीजों की सेवा के लिए 86 वार्ड अटेंडेंट हैं.

साफ-सफाई की व्यवस्था पर उठाया सवाल

डीएम ने अस्पताल परिसर व वार्ड की साफ-सफाई की लचर व्यवस्था को देख कर इसमें सुधार लाने को कहा. संबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मचारी यह निश्चित कर लें कि किसी को इसमें लापरवाही बरतने की छूट नहीं है. टॉयलेट की नियमित सफाई करवाने का निर्देश आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया. सभी बेड पर स्लाइन स्टैंड अनिवार्य रूप से रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें स्लाइन वाटर चढ़ाने में दिक्कत ना हो. उन्होंने कहा कि डीप फ्रीजर तथा पर्याप्त आइस पैक इसी वार्ड में रखें. निरीक्षण के दौरान उन्होंने दवा की उपलब्धता की जांच की कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं.

दूसरे वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों ने पेयजल किल्लत की शिकायत की

हीट वेव के लिए डेडिकेटेड वार्ड के बाहर कुछ महिलाओं को बोतल लिए खड़ा देख पूछ दिया कि यहां पर बोतल लेकर क्यों आयी हैं. मरीज किसी वार्ड में भर्ती हैं. इस पर महिलाओं ने जवाब दिया कि मेडिसिन वार्ड में मरीज भर्ती है. यहां से पीने के लिए पानी लेने आये हैं. वहां पर पीने के पानी के लिए मशीन नहीं लगायी गयी है. इस पर डीएम ने अधीक्षक को कहा कि गर्मी में टंकी का पानी लोग कैसे पीयेंगे. हर जगह वाटर प्यूरिफायर के साथ वाटर कूलर लगाएं. इस तरह की व्यवस्था बड़े अस्पतालों के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति से अस्पताल परिसर के विभिन्न बिंदुओं पर शुद्ध शीतल पेयजल के लिए वाटर कूलर या मटका लगवाना सुनिश्चित करें. पहले से लगे आरओ प्लांट को मरम्मत कराएं.

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