गया में हाथियों ने मचा रखा है हुड़दंग, गांवों में आ कर रहे तोड़फोड़ और फसल की बर्बादी

गया जिला के कई गांवों में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. वो जंगलों से निकाल कर गांवों में आते हैं और फसलों और घरों को नुकसान पहुंचा कर वापस चले जाते हैं.

By Anand Shekhar | March 22, 2024 9:20 PM

गया जिला के छकरबंधा थाना क्षेत्र अंतर्गत अनरवन सलैया गांव में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं. तबाही का आलम यह है कि कई बिगहा में लगी गेहूं की फसल को हाथी नुकसान पहुंचा चुके हैं. वहीं, गांव में घुसकर कई लोगों के मकान तोड़ दिये हैं व दुधारू मवेशियों को पटक कर जख्मी कर चुके हैं. अनरवन सलैया निवासी बिगन भुइंया ने बताया कि हाथी गांव के समीप जंगल में रहते हैं. जैसे ही रात होती है, गांव में आ पहुंचते हैं.

बिगन भुइंया ने बताया कि गुरुवार की रात में गांव में हाथी घुस आये व उनकी गाय को पटक दिया, जिससे उसका पैर टूट गया है. रमेश महतो ने बताया है कि हाथी ने घर के मुख्य दरवाजे को तोड़ दिया. साथ ही खेत में गेहूं की लगी फसल को नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों ने बताया कि इसकी सूचना स्थानीय थाना बालूगंज को दी गयी. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष गांव में आये व स्थिति का जायजा लिया. साथ ही सावधानी बरतने का निर्देश दिया है.

हाथियों ने तोड़ा घर का दरवाजा

इस संदर्भ में इमामगंज वन प्रक्षेत्र के रेंजर कुलदीप चौहान ने बताया कि झारखंड से दो हाथी के अनरवन सलैया के जंगलों में आने की सूचना मिल रही है. हाथी द्वारा किसानों के फसल के साथ मवेशियों को नुकसान पहुंचाने की सूचना मिली है. औरंगाबाद जिले के वन अधिकारी से इस बिंदु पर बात हुई है. टीम से भी बात की जा रही है. जल्द ही इसे पुन:झारखंड के जंगलों में छोड़ा जायेगा.

औरंगाबाद के मदनपुर के देव के ढिबरा थाना क्षेत्र में भी मचाया उत्पात

इधर जंगली क्षेत्र से रास्ते भटक कर पहुंचे हाथियों ने औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के देव के ढिबरा थाना क्षेत्र में भी उत्पात मचाया है. जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात दो हाथी ढिबरा थाना क्षेत्र के चंदा में पहुंचे व काफी उत्पात मचाया. हाथियों के पहुंचने से उक्त गांव में अफरा-तफरी मच गयी. सभी ग्रामीण डर से घर में कैद हो गये.

ढिबरा थानाध्यक्ष रितेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि खेत में लगे गेहूं व केले की फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया. ग्रामीणों की सूचना पर गांव पहुंचे और लोगों को शांत कराया. हालांकि, हाथी अहले सुबह ही झारखंड के जंगल की ओर रवाना हो गये. इससे बचाव के लिए ग्रामीणों को जानकारी भी दी गयी है.

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