गया न्यूज : सभी तैयारी पूरी
गया.
महान इस्लामिक ज्ञानी व सूफी संत हजरत अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलैह की याद में मनाया जाने वाला त्योहार ग्यारहवीं शरीफ 15 अक्तूबर को मनाया जायेगा. यह जानकारी कर्बला के खादिम डॉ सैयद शाह शब्बीर आलम कादरी ने दी. उन्होंने बताया कि इस त्योहार पर मिठाई की खरीदारी को लेकर बाजार में पूरे दिन चहलपहल बनी रहती है. डॉ कादरी ने बताया कि सूफी संत हजरत अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलैह का राज्य उस समय के गीलान प्रांत में हुआ करता था, जो वर्तमान में ईरान में है. वे पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के वंशज थे. उनकी मां इमाम हुसैन की वंशज थीं, जो पैगंबर मोहम्मद साहब के नाती थे. उन्हें इस्लाम को पुनर्जीवित करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. अपने उदार व्यक्तित्व व सूफी विचारधारा द्वारा वे कई लोगों को प्रभावित किये. वे सूफी इस्लाम के भी संस्थापक थे. उनका जन्म 17 मार्च 1078 ईस्वी को गीलान राज्य में हुआ था. प्रत्येक वर्ष के अरबी कैलेंडर के रबी-उस-सानी महीने की 11वीं तारीख को उनकी पुण्यतिथि को ग्यारहवीं शरीफ के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोग हजरत अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह के नाम से फातिहा ख्वानी करते हैं. इसी तरह गया कर्बला में बाद नमाज असर चादरपोशी व सलात ओ सलाम का नजराना पेश की जायेगी. साथ ही अल्लाह से परिवार-समाज व देश-दुनिया के खैर-ओ-बरकत व अमन-शांति की दुआ मांगते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है