बोधगया. भीषण गर्मी के कारण जहां आम जनजीवन प्रभावित हो चुका है, वहीं पर्यटन स्थल बोधगया में इसके कारण बेरोजगारी भी बढ़ गयी है. देशी-विदेशी श्रद्धालुओं व सैलानियों पर आश्रित बोधगया का व्यवसाय तो मुख्य रूप से यूं ही ठप पड़ा हुआ है, पर महाबोधि मंदिर व अन्य मंदिरों के आसपास सड़कों के किनारे यानी फुटपाथ पर दुकान चलाने वालों के लिए भी यह गर्मी मुसीबत बन गयी है. बोधगया भ्रमण पर श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं और इसके कारण मंदिरों के आसपास लगे दुकानों में बिक्री नहीं हो पा रही है. दुकानदार यूं ही बैठे हैं व व्यवसाय नहीं होने के कारण उनके समक्ष आर्थिक संकट भी छाने लगा है. हर दिन दुकानों पर आते हैं पर, शाम तक उनकी दिहाड़ी भी पूरा नहीं हो पाता है. मंदिरों के आसपास लगी माला, फोटो सहित बोधगया से संबंधित मूर्तियों की दुकानों पर सन्नाटा पसरा रह रहा है. हालांकि, दुकानदारों को उम्मीद है कि बारिश होने के बाद बोधगया भ्रमण के लिए देशी-विदेशी श्रद्धालु पहुंचने लगेंगे व उनका रोजगार चल पड़ेगा. लेकिन, फिलहाल उन्हें इसके लिए अगले महीने तक का इंतजार करना पड़ सकता है. कभी -कभार दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं की आवाजाही हो जा रही है, पर गर्मी के कारण वे खरीदारी नहीं कर पाते हैं. शाम ढलने के बाद थोड़ी-बहुत भीड़ लग जा रही है व महाबोधि मंदिर क्षेत्र में चहलपहल दिख जा रही है. उल्लेखनीय है कि जुलाई के बाद श्रीलंका के श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो जाती है व बारिश होने के बाद थाइलैंड व म्यांमार के बौद्ध श्रद्धालु भी बोधगया का भ्रमण शुरू कर देते हैं. फुटपाथी दुकानदारों की बिक्री ठीक-ठाक होने लगती है. इस संबंध में फुटपाथी दुकानदार संघ के मोहम्मद नौशाद ने बताया कि गर्मियों में बोधगया का व्यवसाय इस कदर गिर जाता है कि फुटपाथ पर रोजगार करने वाले बिल्कुल बेरोजगार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थित में ज्यादातर दुकानदारों को घर-गृहस्थी चलाना मुश्किल हो रहा है.
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