गया. सीयूएसबी में संचालित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा यूजीसी एमएमटी-पीपी, शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिविन्यास और संवेदीकरण कार्यक्रम विषय पर आयोजित आठ दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (संकाय विकास कार्यक्रम) के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्व में ऑनलाइन माध्यम से एमएमटीटीसी के निदेशक डॉ तरुण कुमार त्यागी की देखरेख में किया गया है, जिसमें देश के 12 राज्यों से उच्च शिक्षा संस्थानों के 114 शिक्षकों व शोधार्थियों ने सहभागिता की है. कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल ऑफ एजुकेशन, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के डीन प्रो आशीष श्रीवास्तव ने भारत में समावेशी शिक्षा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात शुरू की. उन्होंने समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने व सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एसडीजी-चार के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने मार्गदर्शक सिद्धांतों व शिक्षा के पांच स्तंभों के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने चर्चा की कि कैसे सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों के लिए भेदभाव राष्ट्र के उत्थान में बाधा डालता है और शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेश और समानता सुनिश्चित करने के लिए इन समूहों को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के लिए किन प्रावधानों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
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