ठंड से बचाव के लिए पशुओं को गर्म पानी पिलाएं
गया न्यूज : कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार रवि ने पशुपालकों को दिये सुझाव
गया न्यूज : कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार रवि ने पशुपालकों को दिये सुझाव
मानपुर.
सर्दियों में पशुओं की देखभाल, स्वस्थ व उत्पादक पशुपालन के लिए जरूरी उपाय से संबंधित सुझाव कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार रवि ने दिया है़ उन्होंने बताया कि पशुपालक किसान दुधारू पशुओं का खास ख्याल रखें. सर्दियों का मौसम न केवल इंसानों के लिए हैए बल्कि हमारे पशुओं के लिए भी चुनौती लेकर आता है. ठंड का असर पशुओं की सेहत, दूध उत्पादन और प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है, इसीलिए सर्दी के मौसम में उनके स्वास्थ्य और उत्पादकता को बनाये रखने के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी है. सबसे पहले, गौशाला का प्रबंधन सर्दियों में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. गौशाला को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए चारों ओर से ढकना चाहिए और फर्श पर सूखी घास, भूसा या रेत बिछानी चाहिए, ताकि पशु ठंडे फर्श से संपर्क में नहीं आएं. गौशाला में गर्माहट बनाये रखने के लिए अलाव या हीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन, ध्यान रहे कि धुएं बाहर निकल जाये. गौशाला में हर पशु के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए, ताकि वे एक-दूसरे की गर्मी से लाभ उठा सके. सर्दियों में पशुओं के आहार में भी बदलाव की आवश्यकता होती है. चूंकि ठंड के कारण पशुओं का शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है, इसीलिए उन्हें ऊर्जा युक्त आहार देना जरूरी है. गुड़, खली और अनाज जैसे ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना चाहिए. साथ ही सूखा और हरा चारा संतुलित मात्रा में दिया जाना चाहिए. ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पिलाना चाहिए. खनिज मिश्रण और नमक का नियमित उपयोग भी आवश्यक है, ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे. सर्दियों में पशुओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि, इस मौसम में खुरपका-मुंहपका और निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण कराना और पशुओं की नियमित जांच बहुत महत्वपूर्ण है. स्वच्छता पर ध्यान देने से भी संक्रमण से बचा जा सकता है. गौशाला और पानी के बर्तनों की नियमित सफाई करनी चाहिए.पशुओं की देखभाल में कोई कमी न रखें
नवजात बछड़े और गर्भवती पशु इस मौसम में अधिक प्रभावित हो सकते हैं, इसीलिए उनकी देखभाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. नवजात बछड़ों को जन्म के तुरंत बाद कोलोस्ट्रम (पहला दूध) पिलाना बहुत जरूरी है. क्योंकि, यह उन्हें आवश्यक पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है. गर्भवती गाय और भैंसों को अतिरिक्त पोषण देने के साथ उन्हें ठंड से बचाने के लिए गर्म जगह पर रखना चाहिए. सर्दियों में पशुओं की उचित देखभाल से न केवल उनके स्वास्थ्य में सुधार आता है, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ता है. स्वस्थ और खुशहाल पशु अधिक दूध देते हैं, जिससे आर्थिक लाभ होता है. इसके अलावा ठंड में सही आहार और आराम से प्रजनन क्षमता भी बेहतर हो सकती है. सर्दियों में पशुओं की देखभाल में कोई कमी न रखें. यह न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि आपके आर्थिक लाभ को भी बढ़ाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है