गया. फोलिक एसिड गर्भावस्था का सुपरहीरो माना जाता है. गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान अनुशंसित 400 माइक्रोग्राम (एमसीजी) फोलिक एसिड के साथ प्रसव पूर्व विटामिन लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जन्म दोषों को रोकने में मदद मिलती है. इसके बाद जन्म दोषों का खतरा कम होता है. उक्त बातें एएनएमएमसीएच के गाइनी विभाग के डॉ शाइस्ता इकबाल ने मगध ओब्स एवम गायनी सोसाइटी (मॉग्स) की ओर से आयोजित एयूबी प्रबंधन और गर्भावस्था में फोलिक एसिड की भूमिका और सुपर एक्टिव फोलेट विषय पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि जन्मदोष गर्भावस्था के पहले तीन-चार हफ्तों में होता है. इसलिए, उन शुरुआती चरणों में जब आपके बच्चे का मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी विकसित हो रही होती है, आपके सिस्टम में फोलेट का होना जरूरी है. एयूबी (असामान्य यूटेरिन ब्लीडिंग) के प्रबंधन पर चर्चा करते हुए, उन्होंने बताया कि यह एक सामान्य समस्या है जिसका प्रभाव महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है. उचित प्रबंधन और उपचार से इस स्थिति में सुधार लाया जा सकता है, जिससे महिलाओं को सामान्य जीवन जीने में सहायता मिलती है. कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ मंजू सिन्हा ने की. कार्यक्रम में चेयरपर्सन के रूप में संरक्षक डॉ रामाधार तिवारी व अध्यक्ष डॉ मंजू सिन्हा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल चिकित्सकों का ज्ञानवर्धन होता है, बल्कि लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता है. कार्यक्रम का संचालन डॉ कुसुम कुमारी ने किया. इस मौके पर डॉ श्यामा रानी प्रसाद, डॉ मधुलिका नंदकुलियार, डॉ जयश्री सिन्हा, डॉ संगीता सिान्हा, डॉ सुषमा सिन्हा, डॉ शुभ्रा बरनवाल, डॉ अनुपम कुमार चौरसिया, डॉ कुसुम सिंह, डॉ प्रमिला भादानी, डॉ सोनम कुमारी, डॉ विद्या ज्योति, पीजी स्टूडेंट, मीडिया प्रभारी अमृतेश कुमार आदि मौजूद थे.
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