गया. बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक अभियोजन पदाधिकारियों के लिए आधारभूत व प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन शनिवार को किया. इस दौरान 495 पदाधिकारियों ने प्रशिक्षण पूर्ण किया. समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पटना उच्च न्यायालय के जज डॉ अंशुमन शामिल हुए. वहीं बिपार्ड के अपर महानिदेशक सह मगध आयुक्त प्रेम सिंह मीणा, आइजी क्षत्रनिल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, सुधांशु कुमार चौबे भी उपस्थित थे. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच महीने पहले शुरू हुआ था. प्रारंभ में 503 पदाधिकारियों को आधारभूत पाठ्यक्रम में और बाद में 10 पदाधिकारियों को प्रारंभिक पाठ्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला. गहन और समग्र प्रशिक्षण ने आपराधिक कानून, न्याय वितरण प्रणाली और नये आपराधिक कानूनों के विभिन्न पहलुओं की गहन जानकारी प्रदान की. पाठ्यक्रम में विशेष विभागीय प्रशिक्षण के साथ-साथ भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर, केरल न्यायिक एकेडमी, सीबीआइ एकेडमी, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो जैसे प्रमुख संस्थानों द्वारा साप्ताहिक प्रशिक्षण सत्र भी शामिल थे. प्रशिक्षण की एक प्रमुख विशेषता “जीविका ” के सहयोग से आयोजित ग्रामीण इमरशन कार्यक्रम था, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर की समझ को बढ़ावा देना था.
प्रशिक्षु पदाधिकारियों के समग्र विकास के लिए कराया गया भ्रमण
इसके अलावा प्रशिक्षु पदाधिकारियों के समग्र विकास के लिए केदारकंठ, उत्तराखंड गुएचा ला, सिक्किम निमस, दिरांग, एचएमआइ, दार्जिलिंग, जेएलएम व डब्ल्यू, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे स्थलों पर साहसिक और भ्रमण यात्राओं का आयोजन किया गया. श्री प्रेम सिंह मीणा ने अभियोजन क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों की दोहरी प्रकृति पर प्रकाश डाला. कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति, कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव और जटिल मामलों के कारण अभियोजकों को अनुकूल और कुशल बने रहना होगा. वे अपने पेशे में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और सतर्कता बनाये रखें, साथ ही साइबर अपराध, मानवाधिकार मुद्दों जैसे उभरते विधिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये पदाधिकारी अपनी निष्ठा और मनोयोग के साथ बिहार की कानूनी और अभियोजन प्रणाली को और मजबूत और कुशल बनायेंगे. दीक्षांत समारोह का समापन एक सकारात्मक नोट पर हुआ, जो बिपार्ड की उन कुशल कानूनी विशेषज्ञों को तैयार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो एक गतिशील न्याय प्रणाली की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है