शेरघाटी. शहर के शुमाली मुहल्ला स्थित बड़की भुईंटोली में बुधवार को डायरिया की चपेट में आने से सात वर्षीय अनूप कुमार की मौत हो गयी. मौत के बाद स्थानीय बुढ़िया नदी में जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो नदी में बसे लोगों ने आसपास में दफनाने से मना किया. इसको लेकर दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया. आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्ष के साथ वार्ता के बाद शव दफनाया गया, जबकि दूसरे ओर आधा दर्जन डायरिया से पीड़ित लोगों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुहल्लावासियों का आरोप है कि अनुमंडलीय अस्पताल शेरघाटी में जब इलाज के लिए ले गये बच्चे को लेकर गये तो देखने के बाद डॉक्टर ने बगैर इलाज किये गया ले जाने के लिए बोल दिया. हमलोग कम से कम पानी चढ़ाने के लिए चिल्लाते रहे, किसी ने नहीं सुना. परिणाम स्वरूप अनूप की मौत हो गयी. जबकि सरस्वती कुमारी, नीतीश कुमार, महेंद्र मांझी, सोनू कुमार व मृतक के भाई आयुष का इलाज अस्पताल में चल रहा है. घायलों में महेंद्र मांझी सोनू कुमार का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है, जबकि अन्य लोगों का इलाज शहर के दूसरे अस्पताल में चल रहा है. बता दें कि 15 सितंबर को डायरिया से इसी मुहल्ले में चार साल की संजना की मौत हो गयी थी. 10 दिन बाद पुनः एक बच्चे की मौत हो गयी. लेकिन, स्वास्थ्य की ओर से दलित टोले में डायरिया के रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
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