Gaya News : गुरपा स्टेशन पर ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से पार होकर जाते हैं श्रद्धालु

Gaya News : बोधगया में राजकुमार सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्त किया और महात्मा बुद्ध कहलाये. गया में जहां मोक्ष प्राप्ति, जबकि ज्ञान भूमि बोधगया में विश्व शांति की कामना लिए देशी-विदेशी श्रद्धालु यहां सालों भर आते-जाते रहते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 10:03 PM

गया. बोधगया में राजकुमार सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्त किया और महात्मा बुद्ध कहलाये. गया में जहां मोक्ष प्राप्ति, जबकि ज्ञान भूमि बोधगया में विश्व शांति की कामना लिए देशी-विदेशी श्रद्धालु यहां सालों भर आते-जाते रहते हैं. जिले के गुरपा पहाड़ी पर बौद्ध धर्मावलंबियों का एक प्रसिद्ध स्थल है, जहां भगवान बुद्ध के परम शिष्य महाकश्यपा का मंदिर स्थित है. बोधगया महाबोधि मंदिर का दर्शन कर बौद्ध श्रद्धालु गुरपा पहाड़ी स्थित गुरुपद गिरि पर्वत पर महाकश्यपा के इस मंदिर में दर्शन पूजन के लिए जाते हैं. यहां काफी रमणीक स्थल है, जहां श्रद्धालु जाते-आते रहते हैं. यहां जाने के दो रास्ते हैं. कुछ लोग सड़क मार्ग से जाते हैं, तो कुछ लोग रेल मार्ग से. रेल मार्ग से जानेवाले श्रद्धालु गुरपा स्टेशन पर उतरते हैं. इस स्टेशन पर अक्सर रेल ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी रहती है. रेलवे का स्लोगन ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ बड़ा असरदार है. गुरपा स्टेशन पर मालगाड़ी के हमेशा खड़ी रहने की वजह से श्रद्धालुओं को रेल ट्रैक पार कर सड़क पर आने के लिए मालगाड़ी के नीचे से पार होना मजबूरी है. यहां कोई आरओबी नहीं है. ऐसी परिस्थिति में आमजन व विदेशी श्रद्धालुओं को या तो मालगाड़ी के खुल कर जाने का इंतजार करना होगा, या फिर जान जोखिम में डाल कर उनके नीचे से पार करना होगा. विदेशी श्रद्धालुओं को रेल ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से पार होते देखा गया. अगर इस दौरान मालगाड़ी खुल गयी, तो उनकी जान चली जायेगी. यह जोखिम भरा है.

प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु

पर्यटन सीजन अक्तूबर के दूसरे पखवारे से लेकर मार्च तक देशी-विदेशी श्रद्धालु काफी संख्या में बोधगया घूमने आते हैं. गुरुपद गिरि पर्वत पर स्थित महाकश्यपा के मंदिर में वे जरूर आते हैं. प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में हिंदू धर्मावलंबियों के साथ देश-विदेशों से बौद्ध श्रद्धालुओं का जत्था आता है. जंगली इलाका और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण विदेशी श्रद्धालुओं को वापस लौटना होता है. हमेशा रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी ट्रेन खड़ी रहती है और प्रतिदिन मालगाड़ी ट्रेन के नीचे घुसकर गुजरते हैं. गौरतलब है कि कई बार मालगाड़ी पार करने में कई विदेशी पर्यटक और बौद्ध भिक्षु को चोटें भी आयी हैं. बोधगया के आनंद बौद्ध भिक्षु ने सरकार को कई बार आवेदन भी दिया है. रेलवे ट्रैक के ऊपर से एक ओवरब्रिज बना दिया जाये. बोधगया के आनंद बौद्ध ने इस संबंध में बताया कि पर्यटक सीजन में अक्टूबर से लेकर मार्च महीने तक विभिन्न देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध श्रद्धालु गुरूपा पहाड़ पर स्थित मंदिर में पूजा करने जाते हैं. वहां पर जाने में परेशानी बहुत होती है और सबसे बड़ी परेशानी है वहां जो रेलवे ट्रैक है और रेलवे ट्रैक पर लगी गाड़ी के नीचे से होकर जाना. यह सबसे बड़ी परेशानी है.

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