Gaya News: बिहार में गया के लगभग अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की काफी भीड़ रह रही है. इस मौसम में कम बारिश व तेज धूप के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं. इसके चलते अस्पतालों में मरीज को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं. एक तरह से कहा जाये कि यह मौसम ही बीमारी को लेकर आया है, तो कोई गलत नहीं होगा. शहर के बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच व जिला अस्पताल में मरीजों को बेड के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
ओपीडी में हर दिन 1200 मरीज पहुंच रहे हैं
यह हाल जिले के लगभग अस्पतालों की हो गयी है. अस्पताल में बुखार, डायरिया आदि के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी की बात की जाये, तो जिला अस्पताल में गाइनी के मरीज को छोड़ कर 36 बेड लगाये गये हैं. यह बेड हर वक्त फुल ही रह रहा है. यहां ओपीडी में हर दिन 1200 के करीब मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. एएनएमएमसीएच में देखा जाये, तो इमरजेंसी में आइसीयू को मिला कर 70 बेड हैं. इसमें 150-160 मरीज को रखा जा रहा है.
हर दिन नए 150 मरीज भर्ती हो रहे हैं
हालात यह है कि हर दिन यहां 150 नये मरीज भर्ती हो रहे हैं. यहां के लगभग विभाग के वार्ड फुल चल रहे हैं. मरीजों को रखने की लिए कोई जगह नहीं मिल रही है. देखा जाये, तो इमरजेंसी वार्ड से मरीजों का वार्ड में ट्रांसफर होने के बाद भी उन्हें नहीं भेजा जा रहा है. क्योंकि, वार्ड में जगह ही नहीं है. इमरजेंसी में ट्रॉली, कुर्सी, बेड आदि सब कुछ फुल हो गया है. जमीन पर भी मैट लगाकर इलाज हो रहा है.
क्या है कहना डॉक्टरों का
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रवींद्र कुमार ने बताया कि इस वक्त वायरल फीवर,उल्टी, दस्त, निमोनिया, सर्दी, खांसी और पीलिया के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. मौसम में परिवर्तन के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं. वार्ड में बीमार बच्चों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ी है. कम बारिश होने के कारण तीखी धूप बीमारी का कारण बन रही है. मौसम परिवर्तन के कारण लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं.
फिजिशियन डॉ एनके पासवान ने बताया
फिजिशियन डॉ एनके पासवान ने बताया कि यदि मौसम का यही हाल रहा तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ेगी. इसलिए इस मौसम में बीमारी से बचने के लिए सावधानी रखें. बारिश के बाद तीखी धूप व उमस भरी गर्मी लोगों के सामने परेशानी खड़ी रह रही है. उमस व धूप में निकलने से शरीर से अधिक पसीना निकलता है. इसके चलते शरीर में पानी की कमी आ जाती है. इसके के साथ ही डीहाइड्रेशन के शिकार बन जाते और उल्टी दस्त की शिकायत के साथ मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
जिला अस्पताल के प्रबंधक संजय अंबष्ट ने बताया कि इस मौसम में ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. इसके चलते थोड़ी दिक्कत होती है. इसके बाद भी यहां सभी को इलाज मिल जा रहा है. इधर, एएनएमएमसीएच के अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि इमरजेंसी में अलग से बेड लगाने की तक की जगह नहीं है.
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स्टेचर की संख्या को बढ़ने का मिला निर्देश
स्ट्रेचर की संख्या को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद भी मरीजों की संख्या के अनुसार, हर किसी को बेड उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पा रहा. कोशिश की जा रही है कि मौजूदा संसाधन में लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाये.