गया. बाजार में केमिकल के सहारे पुराने आलू को नया बनाकर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. मुनाफा कमाने की लालच में खुलेआम लोगों की सेहत पर हमला किया जा रहा है. फिलहाल नया आलू 50 व पुराना आलू 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इधर प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. दरअसल आलू को अमोनिया के घोल में 12 घंटे तक रखा जाता है. इससे उसका छिलका पतला हो जाता है. इसके बाद उस आलू को लाल मिट्टी में डाल कर रगड़ दिया जाता है. उसका छिलका जगह-जगह उजड़ जाता है. पुराना आलू इसके बाद पूरी तौर नया आलू का रूप ले लेता है. लोग छिलका हटा हुआ आलू देखकर उसे नया समझ लेते हैं और उसे महंगे दाम पर खरीदने में थोड़ा हिचक नहीं महसूस करते हैं. नया आलू की तरह ही केमिकल का उपयोग होने के कारण यह भी कुछ ही दिनों बाद सड़ने लगता है. एक दुकानदार ने बताया कि आवे ढ़त से खरीद कर बेच रहे हैं. इसमें उनकी कौन सी गलती है. इस तरह का आलू आना बंद हो जायेगा, तो बेचना भी नहीं पड़ेगा.
एक्सपर्ट व्यू : लीवर, किडनी के साथ दूसरे अंगों पर पड़ता है असर
डॉ एनके पासवान, प्रोफेसर, एएनएमएमसीएच के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ एनके पासवान ने बताया कि अमोनिया के सहारे पुराने को नया आलू बनाना लोगों के जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है. इस तरह के आलू खाने से लोगों को आंखों, नाक और गले पर बुरा प्रभाव पड़ता है. अमोनिया से पेट में दर्द और जलन की समस्या लोगों को हो सकती है. इसके साथ ही इस तरह के आलू के कई दिनों तक लगातार खाने से किडनी, फेफड़े व लीवर को भी खराब कर देता है. इस तरह के आलू को खाना लोगों को तत्काल ही बंद कर देना चाहिए. आलू अगर बिना जानकारी के खा लिए हैं और किसी तरह की दिक्कत होने लगी है, तो तुरंत ही डॉक्टर संपर्क करें.लैब में भेज कर करायी जायेगी जांच
जिला खाद्य संरक्षा पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि बाजार में पुराना आलू को केमिकल के सहारे नया बनाकर बेचने की सूचना मिली है. इसको जल्द ही जब्त कर सैंपल को लैब में जांच के लिए भेजा जायेगा. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद इस तरह के आलू बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है