गया. सहकारिता सह वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने गुरुवार को सर्किट हाउस में कंफेड के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में सुधा के नये उत्पादों और उनके विस्तार की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गयी. इस अवसर पर मगध दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक ज्ञान शंकर ने समिति की वर्तमान गतिविधियों और आंकड़ों पर चर्चा की. श्री ज्ञान ने बताया कि मगध दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति का कार्यक्षेत्र गया, जहानाबाद, औरंगाबाद और अरवल जिले में फैला है. इसके अंतर्गत 2318 समितियां सक्रिय हैं. जबकि 454 रजिस्टर्ड और 440 समितियां संघ से संबंधित हैं. इन समितियों से कुल 85,474 सदस्य जुड़े हुए हैं. वर्तमान में इन समितियों के माध्यम से चारों जिलों में प्रतिदिन 65,000 लीटर दूध का संग्रहण किया जाता है, जिसका विपणन दूध और दुग्ध उत्पादों के रूप में किया जा रहा है. बैठक के दौरान देसी गायों के संरक्षण को लेकर एक अहम प्रस्ताव भी रखा गया. जिसमें गया क्षेत्र को देसी गायों काे संरक्षित घोषित करने और किसानों के हित में सरकार द्वारा प्रति लीटर ₹3 प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने की मांग शामिल है. श्री ज्ञान ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से देसी गायों को उन्नत नस्ल का सीमेन देकर 25-35 लीटर दूध उत्पादन वाली गायों का विकास किया जा सकता है. इस प्रक्रिया में प्रति गाय ₹12,000 का खर्च आता है, जो किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा. मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए इसे किसान हित में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया. डॉ कुमार ने कंफेड के पदाधिकारियों को हरसंभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया. कहा कि यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि देसी गायों के संरक्षण और दूध उत्पादन में भी सकारात्मक बदलाव लायेगी. बैठक में कंफेड के अफसर सहित भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक प्रेम सागर, क्षेत्र प्रभारी अमित लोहानी, विकास कुमार, पप्पू चंद्रवंशी, धनंजय धीरू, जितेंद्र कुमार व अन्य थे.
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