आमस. महुआवां पंचायत अंतर्गत चिताब खुर्द गांव के समीप मोरहर नदी से शनिवार को अतिक्रमण हटाने गये पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों को वापस लौटना पड़ा. अतिक्रमण हटाने गये आमस सीओ अरशद मदनी ने बताया कि प्रभारी थानाध्यक्ष प्रियनंदन आलोक और पुलिस जवानों के साथ अतिक्रमण हटाने गये थे. लेकिन, काफी समझाने के बावजूद लोग अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने बताया कि नदी में मकान बनाकर रह रहे लोगों को पुनः अतिक्रमण हटाने के लिए सप्ताह भर का समय दिया गया है. एक सप्ताह के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. सीओ ने बताया कि मोरहर नदी में अतिक्रमण कर कुल 81 लोग मकान बनाकर रह रहे हैं. इनके लिए कलवन पंचायत के बनाही गांव में तीन-तीन डिसमिल जमीन बंदोबस्त की गयी है. इस पर सभी मकान बनाकर रह सकेंगे. लेकिन, नदी में रह रहे लोगों का कहना है कि बाप दादा यहीं रहे हैं. इसलिए कहीं नहीं जायेंगे. बताया जाता है कि जेसीबी के साथ नदी से अतिक्रमण हटाने पहुंचे. सीओ व पुलिस पदाधिकारी और जवानों को देख कर सैकड़ों महिला पुलिस और बच्चे जमा हो गये और विरोध करने लगे. हालांकि इस दौरान सीओ ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है