Gaya News : कानूनी तर्क, अभिव्यक्ति और बेंच के सवालों का जवाब देने की क्षमता का हुआ मूल्यांकन
Gaya News : सीयूएसबी के स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के सहयोग से द्वितीय सीसीआइ-सीयूएसबी राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल राउंड का आयोजन किया गया.
गया. सीयूएसबी के स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के सहयोग से द्वितीय सीसीआइ-सीयूएसबी राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल राउंड का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में एसएलजी के डीन व विभागाध्यक्ष प्रो संजय प्रकाश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में आयोजित राष्ट्रस्तरीय प्रतियोगिता बाजार अर्थव्यवस्था और बौद्धिक संपदा अधिकार कानून पर आधारित है. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने टीमों को प्रेरित किया और एसएलजी के अंतर्गत संचालित मूट कोर्ट सोसाइटी को बेहतरीन आयोजन के लिए बधाई देते हुए प्रशंसा की. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन 12 जनवरी को किया गया, जिसके बाद देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों की आठ टीमों ने 24 जनवरी को आयोजित क्वार्टर फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाइ किया. आयोजित क्वार्टर फाइनल राउंड में प्रदर्शन के आधार पर चार टीमों का चयन सेमीफाइनल राउंड के लिए किया गया. विस्तृत जानकारी देते हुए मूट कोर्ट सोसाइटी के समन्वयक मणि प्रताप ने बताया कि कार्यक्रम का परिणाम पंजीकरण व स्मारकों के जमा करने के साथ शुरू हुआ उसके बाद न्यायाधीशों व टीमों की ब्रीफिंग फिर ड्रा ऑफ लॉट्स और क्वार्टर राउंड के लिए स्मारकों का आदान-प्रदान हुआ. क्वार्टर फाइनल राउंड का निर्णय वरिष्ठ अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों और कानूनी विशेषज्ञों जैसे डॉ प्रिया विजय, वैभव कुमार, अभिनव आलोक, अनुराग सौरव, अनुपम प्रभात श्रीवास्तव, अभिषेक आनंद, प्रियजीत पांडे और विशाल रंजन के एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों की कानूनी तर्क, अभिव्यक्ति और बेंच के सवालों का जवाब देने की क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया. इसके बाद परिणामों की घोषणा के बाद क्वार्टर राउंड के जजों को स्मृति चिह्न दिये गये. एसएलजी प्रमुख और डीन प्रो संजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रतियोगिता प्रतिस्पर्धा कानून और बौद्धिक संपदा अधिकार कानून इंटरफेस पर आधारित है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है