शेरघाटी. शेरघाटी में सूर्य उपासना व लोक आस्था का चार दिवसीय छठ मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. व्रतियों ने सुबह नदी, तालाब व कुएं पर स्नान के बाद भगवान सूर्य का ध्यान कर सात्विक भोजन में अरवा चावल का बना भात, चना, दाल व लौकी की सब्जी और अगस्त के फूल के बने पकौड़े को शुद्ध देशी घी के साथ ग्रहण किया. भोजन ग्रहण से पूर्व व्रतियों ने भगवान भास्कर की आराधना कर व्रत पूरा करने का संकल्प लिया. छह नवंबर को संध्या में खरना, सात नवंबर को अस्ताचल सूर्य एवं आठ नवंबर यानी शुक्रवार को उदीयमान सूर्य देव के अर्घ अर्पित के साथ संपन्न हो जायेगा. छठ पर्व को लेकर पूजन सामग्री फल मिट्टी के चूल्हे की खरीदारी शुरू हो गयी है. सुबह से ही शहर के बाजारों में लोगों की चहल-पहल काफी बढ़ गयी है. बांस के बने सूप व मिट्टी के बर्तनों की दुकानों से शहर के मुख्य बाजार पटे दिखे. इस अवसर पर लौकी की खरीदारी भी लोगों ने जमकर की.
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