गया. दीपावली 29 अक्तूबर को धनतेरस के साथ शुरू हो रहा है. 30 अक्तूबर को छोटी दीपावली व 31 अक्तूबर को दीपावली मनाय जायेगा. धनतेरस पर विशेष कर सोना-चांदी व धातु के बने सामान की खरीदारी करने की परंपरा रही है. धनतेरस पर हिंदू धर्म से जुड़े अधिकतर लोग अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ धातु से बने सामान की खरीदारी जरूर करते हैं. काफी लोग सोने-चांदी के बिस्कुट अथवा इससे बने आभूषणों की भी खरीदारी करते हैं. बीते वर्ष 2023 के धनतेरस पर सोने-चांदी के भाव कम रहने से इस कारोबार को पंख लगा था. वर्ष 2023 के धनतेरस पर 20 करोड रुपये से अधिक का कारोबार होने की जानकारी इससे जुड़े कारोबारियों द्वारा दी गयी है. कारोबारियों की माने तो वर्ष 2023 में दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद धनतेरस को लेकर सोने-चांदी का कारोबार शुरू हो गया था. लेकिन इस बार धनतेरस की तिथि आने में अब केवल एक सप्ताह ही बचा है, लेकिन महंगाई के कारण कारोबार की गति काफी धीमी चल रही है. बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार वर्णवाल ने बताया कि महंगा होने से अब तक सही से कारोबार भी शुरू नहीं हो सका, जबकि बीते वर्ष 2023 में धनतेरस के एक सप्ताह पहले तक 60 प्रतिशत तक सोने-चांदी का कारोबार हो चुका था. धनतेरस के दिन तक सोने चांदी का 20 करोड़ रुपये से भी अधिक का कारोबार हुआ था. लेकिन इस बार आसमान छूती महंगाई के कारण यह आंकड़ा पांच करोड रुपये तक भी नहीं पहुंचने की संभावना है. उन्होंने बताया कि शहर सहित जिले में 400 से अधिक सोने-चांदी की दुकानें है. इनमें से करीब डेढ़ सौ दुकानें शहरी क्षेत्र में स्थित है. इस कारोबार से कारीगरों व इससे जुड़े कारोबारी के 50 हजार से अधिक परिवारों का भरण-पोषण होता रहा है. लेकिन कारोबार पर असर पड़ने से इससे जुड़े कारोबारी व कारीगरों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति बनने लगी है. सोने चांदी के दामों में वृद्धि की गति यदि नहीं रुकी तो पूंजी के अभाव में काफी लोग इस कारोबार को छोड़कर दूसरे व्यवसाय की ओर अपना रुख कर सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है